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साईबर सुरक्षा अनुसंधान एवं विकास

सिंहावलोकन

साइबर सुरक्षा अनुसंधान एवं विकास साइबर सुरक्षा में स्वदेशी कौशल और क्षमताओं को प्रोत्साहन देने के लिए अनुसंधान एवं विकास, प्रदर्शन, प्रूफ़ ऑफ़ कॉन्सेप्ट और टेस्ट बेड की स्थापना पर फोकस के साथ साइबर स्पेस को सुरक्षित करने के लिए चिह्नित प्रमुख पहलों में से एक है। साइबर सुरक्षा के प्रमुख क्षेत्रों में अनुसंधान और विकास किया जाता है जिसमें (क) क्रिप्टोग्राफी और क्रिप्टएनालिसिस, (ख) नेटवर्क और सिस्टम सुरक्षा, (ग) निगरानी और न्यायविज्ञान और (घ) मान्यता प्राप्त आर एंड डी संगठनों में प्रायोजित परियोजनाओं के माध्यम से सुभेद्यता उपचार और आश्वासन शामिल हैं। सरकार अकादमिक, उद्योग, राष्ट्रीय अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशालाओं के साथ मिलकर काम कर रही है और विभिन्न महत्वपूर्ण सूचना अवसंरचना और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के समक्ष आ रही सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने के लिए उपयुक्त अनुसंधान एवं विकास समाधानों को तलाश रही है।

साइबर सुरक्षा अनुसंधान एवं विकास कार्यक्रम के तहत परियोजनाओं ने अनुसंधान एवं विकास संगठनों के हितधारकों और उपयोगकर्ता एजेंसियों को शामिल करते हुए भारत में स्वदेशी साइबर सुरक्षा सोल्यूशनों के प्रचार और प्रसार के लिए एक साइबर सुरक्षा इकोसिस्टम विकसित करने में सक्षम बनाया है।

अनुसंधान के विषयगत क्षेत्र

साइबर सुरक्षा अनुसंधान एजेंडा निम्नलिखित डोमेन के लिए विकसित किया जा सकता है:

  1. (i) क्वांटम की डिस्ट्रीब्यूशन (क्यूकेडी) और (ii) क्वांटम रैंडम नंबर जेनरेटर (क्यूआरएनजी) सहित क्रिप्टोग्राफी और क्रिप्टैनालिसिस जिसमें पोस्ट क्वांटम क्रिप्टोग्राफी और क्वांटम क्रिप्टैनालिसिस शामिल हैं ।
  2. महत्वपूर्ण अवसंरचना सुरक्षा
  3. एंबेडेड प्रणाली सुरक्षा
  4. जीरो ट्रस्ट आर्किटेक्चर और विश्वसनीय आपूर्ति श्रृंखला
  5. आईओटी और कनेक्टेड डिवाइस सुरक्षा
  6. 5जी वायरलेस सुरक्षा, क्लाउड, एज और फॉग कंप्यूटिंग सुरक्षा
  7. खतरा आसूचना सहित सूचना सुरक्षा में एआई
  8. डिजिटल फोरेंसिक और निगरानी उपकरण
  9. सुभेद्यता प्राथमिकता, उपचार और आश्वासन
  10. क्षमता निर्माण और जागरूकता सृजन

भारत को प्रौद्योगिकी और उत्पाद विकास, परीक्षण, मूल्यांकन और प्रमाणन ढांचे और मानकीकरण के लिए एक मजबूत अनुसंधान आधार बनाने की जरूरत है ताकि देश की साइबर सुरक्षा स्थिति में सुधार किया जा सके।

साइबर सुरक्षा सामरिक अनुसंधान कार्यक्रम निम्नलिखित 4 सिद्धांतों पर आधारित होना चाहिए:

  • पता लगाना
  • रोकना
  • रक्षा करना
  • अनुकूलन

एमईआईटीवाई अकादमिक और आरएंडडी प्रयोगशालाओं के साथ मिलकर काम कर रहा है और अनुसंधान और विकास कार्य कर रहा है जो विभिन्न साइबर सुरक्षा डोमेन में सामने आ रहीं सुरक्षा संबंधी चुनौतियों का सामना करने के लिए उपयुक्त है।