वैश्विक सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) बाजार में भारत की बढ़ रही प्रतिभागिता और घरेलू स्तर पर आईसीटी तथा ई-शासन में निवेश को बढ़ावा देने के लिए सरकार की सक्रिय नीतियों को ध्यान में रखते हुए विभिन्न राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों में इस दिशा में की गई प्रगति और उनकी उपलब्धियों का पता लगाने की आवश्यकता महसूस की गई। इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग (डीईआईटीवाई), भारत सरकार और राष्ट्रीय अनुप्रयुक्त आर्थिक अनुसंधान परिषद (एनसीएईआर) ने वर्ष 2003 से भारत की ई-तैयारी रिपोर्ट तैयार करने में सहयोग किया है। एनसीएईआर वर्तमान में इस क्रम में 6वीं रिपोर्ट तैयार कर रहा है। इन रिपोर्टों में राज्य सरकारों और संघ राज्य क्षेत्रों की योग्याता का मूल्यांकन करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है, जिससे कि इस बात का पता लगाया जा सके कि वे आईसीटी द्वारा समर्थित समेकित आर्थिक विकास के लिए मूल्य संवर्धन अवसर उत्पन्न करने में कितने सक्षम हैं।
मूल्यांकन ढांचा
ई-तैयारी सूचकांक एक तुलनात्मक सूचकांक है और इसमें तीन उपघटक शामिल हैं, जो इस प्रकार हैं:
1. किसी राज्य अथवा समुदाय का आईसीटी परिवेश।
2. आईसीटी के इस्तेमाल हेतु समुदाय के प्रमुख पणधारकों की तैयारी।
3. इन पणधारकों के बीच आईसीटी का वास्तविक इस्तेमाल।
हमारा ऐसा मानना है कि आईसीटी के प्रभावी इस्तेमाल के लिए आरंभिक चरण पर सुदृढ़ वातावरण निर्मित करने की आवश्यकता है। इस परिवेश में नीतिगत वातावरण, बाजार वातावरण और अवसंरचनात्मक वातावरण शामिल हैं। तैयारी का संबंध कंपनियों की उन विशेषताओं से है जो उन्हें समर्थकारी वातावरण में प्रत्युत्तर के लिए तैयार करती हैं। इनमें क्षमता निर्माण अथवा विभिन्न पणधारकों के बीच कौशल सृजन के साथ-साथ उस अवसंरचना तक उनकी पहुंच शामिल है, जो या तो सार्वजनिक अथवा निजी क्षेत्र द्वारा स्थापित की गई है। दूसरी ओर अनुकूल परिवेश में सूचना प्रौद्योगिकी का वास्तविक इस्तेमाल तैयारी की सकारात्मक दशा को इंगित करता है।
भारत में ई-शासन पर जोर को देखते हुए वर्ष 2008 में पहली बार ई-तैयारी मूल्यांकन ढांचे में ई-शासन सूचकांक को भी शामिल किया गया। ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि इस बात की आवश्यकता महसूस की गई कि ई-शासन जहां एक ओर सरकारी निवेश से प्रत्यक्ष रूप से जुड़ा हुआ है , दूसरी ओर उद्योग तथा सामान्य नागरिक दोनों को सरकार द्वारा सेवाओं के प्रावधान को सुकर बनाने में भी इसका महत्व है।
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ई-तैयारी मूल्यांकन रिपोर्ट
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इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग (डीईआईटीवाई), भारत सरकार और राष्ट्रीय अनुप्रयुक्त आर्थिक अनुसंधान परिषद (एनसीएईआर) ने वर्ष 2003 से भारत की ई-तैयारी रिपोर्ट तैयार करने में सहयोग किया है। एनसीएईआर वर्तमान में इस क्रम में 6वीं रिपोर्ट तैयार कर रहा है।
पिछली ई-तैयारी मूल्यांकन रिपोर्टें
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पिछली ई-तैयारी मूल्यांकन रिपोर्टें संगत सूचकांक के विवरण उपलब्ध कराती हैं, जिसमें एक निश्चित समय पर एक राज्य से दूसरे राज्य की तुलना की गई है।
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चालू ई-तैयारी मूल्यांकन रिपोर्ट
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वर्ष 2011-12 के लिए संगत सूचकांक के अलावा रिपोर्ट में एक अभीष्ट सूचकांक शामिल किया गया है, जो समय के साथ राज्यों की ई-तैयारी का मूल्यांकन करने में सहायक होगा। चालू ई-तैयारी मूल्यांकन रिपोर्ट के लिए सूचकांको की एक विस्तृत सूची राज्यों के आईटी , वित्त और आयोजना विभागों के सचिवों/प्रतिनिधियों के परामर्श से तैयार की जाती हैं। सूचकांकों की सूची के लिए यहां क्लिक करें।0 bytes
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सर्वेक्षण प्रश्नावली को अंतिम रूप दिया गया है और ई-तैयारी मूल्यांकन के लिए डेटा एकत्र किया जा रहा है।