नवाचार क्या है ?
नवाचार की बहुत ही सरल परिभाषा है – नवाचार का आमतौर पर अर्थ होता है सकारात्मक बदलाव लाने के उद्देश्य से कुछ ऐसा नया या अनूठा करना, कुछ अलग या बेहतर करना। नवाचार बड़ा भी हो सकता है और छोटा भी। जरूरी नहीं है कि यह कुछ बहुत अनोखा ही हो। प्रौद्योगिकी सफलताओं के लिए नवाचार गतिविधियों और अनुसंधान एवं विकास के बीच अक्सर बहुत गहरा संबंध होता है।
प्रौद्योगिकी नवाचार क्या है?
प्रौद्योगिकी नवाचार अनिवार्य रूप से नवाचार का सबसेट (उपवर्ग) है। आमतौर पर इसमें मौजूदा प्रौद्योगिकी के नए अनुप्रयोगों से नवाचार किया जाता है, नई प्रौद्योगिकियों को लागू किया जाता है और शोध के जरिए विकास किया जाता है। जिसमें उन्नत प्रौद्योगिकियों का विस्तार कर उन्हें व्यापक अनुप्रयोग के लिए सामने रखा जाता है।
व्यापार नवाचार क्या है?
ग्राहकों को आकर्षित करने और बनाए रखने के लिए व्यापार उत्पादों, सेवाओं या नए अनुभव प्रदान करता है। व्यापार संचालन की प्रकृति और पैमाने के आधार पर नवाचार अलग– अलग व्यापारों के लिए अलग– अलग अर्थ वाला होता है। सफल व्यापार नवाचार को अक्सर मजबूत बौद्धिक संपदा का संरक्षण प्राप्त होता है। व्यापार नवाचार की सटीक परिभाषा व्यापार के लक्ष्य पर निर्भर करती है फिर भी निम्नलिखित प्रश्न उपयोगी साबित हो सकते हैं–
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रणनीति को पेश करने के लिए किस प्रकार की नई सोच की जरूरत है?
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व्यापार को वास्तव में कहां श्रेष्ठ होने की जरूरत है?
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नए उत्पाद का डिजाइन व्यापार की सफलता के लिए कैसे महत्वपूर्ण है?
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क्या व्यापार नए बाजारों में जोखिम उठा रहा है?
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क्या व्यापार ने सभी बौद्धिक संपदा की पहचान की है?
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यथास्थिति को चुनौती देने के बारे में क्या?
स्टार्टअप क्या है?
स्टार्टअप्स आम तौर पर ऐसी नई कंपनियां होती हैं जिनकौ उनके उद्यमशील संस्थापकों द्वारा विकसित नए विचारों पर आधारित व्यापार मॉडल का परीक्षण के लिए बनाया जाता है। स्टार्टअप्स की अनिवार्य विशेषताओं में से एक उनमें तेजी से बढ़ने की क्षमता है। आमतौर पर इनमें बहुत कम कर्मचारी होते हैं। स्टार्टअप्स के लिए पूंजी फंडिंग (वित्तपोषण के कई दौर) के जरिए जुटाई जाती है।
स्टार्टअप्स के लिए उपलब्ध विभिन्न प्रकार की फंडिंग कौन– कौन सी हैं?
स्टार्टअप्स अपने लिए कई विकल्पों के जरिए पूंजी जुटा सकती हैं। कुछ महत्वपूर्ण विकल्प इस प्रकार हैं–
वेंचर कैपिटल इन्वेस्टिंग (व्यापार पूंजी निवेश)– स्टार्टअप द्वारा पूंजी जुटाने के सबसे लोकप्रिय तरीकों में वेंचर कैपिटल इन्वेस्टिंग है। इसमें निवेशक (वेंचर कैप्टलिस्ट) वित्तीय पूंजी (वेंचर कैपिटल) मुहैया कराता है। यह पूंजी आमतौर पर आरंभिक चरण में निजी इक्विटी निवेशों के जरिए जुटाई जाती है लेकिन यह दीर्धकाल में विकास की क्षमता को भी दर्शाता है।
एंगल इन्वेस्टिंगः एंगल इन्वेस्टिंग का अर्थ है वह प्रक्रिया जिसमें निवेशक व्यापार में शेयरों के बदले स्टार्टअप्स में वित्तीय सहायता मुहैया कराते हैं। पूंजी के अलावा, कंपनी के विकास और सफलता हासिल करने में ये ज्ञान और विशेषज्ञता भी प्रदान करते हैं। पूंजी (एंगल कैपिटल) सीड मनी का एक बार किया गया निवेश हो सकता है या संकट के समय में सतत समर्थन के रूप में हो सकता है। वेंचर कैपिटलिस्ट की तुलना में एंगल इन्वेस्टर्स बिल्कुल नई इकाई पर जोखिम उठाने से गुरेज नहीं करते।
क्राउड फंडिंगः क्राउड फंडिंग अपेक्षाकृत नया है जहां स्टार्टअप्स बड़ी संख्या में लोगों से छोटी धनराशि की मांग कर अपनी पूंजी की उगाही करते हैं। इस नए मंच ने उद्यमी संस्थापकों को जनता को सीधे उनके विचारों को बेचने का एक अनूठा मौका दिया है।
सीड फंडिंग क्या है?
सीड फंडिंग शब्द का प्रयोग किसी भी प्रकार के उस वित्त के लिए किया जाता है जो कि किसी नए उद्यम को शुरु करने के लिए दिया जाए। आमतौर पर यह परिवार, दोस्तों या निवेशकों की व्यक्तिगत संपत्ति से आती है।
इन्क्यूबेटर क्या है?
इन्क्यूबेटर उद्यमशीलता का पोषण और साझा संसाधनों, प्रबंधन एवं तकनीकी विशेषज्ञता और बौद्धिक पूंजी के प्रयोग से स्टार्टअप्स कंपनियों के विकास में सहयोग देने वाली सुविधा का नाम है।
उत्प्रेरक (ऐक्सेलरैटर) क्या होता है?
जैसा कि नाम से ही पता चलता है उत्प्रेरक (ऐक्सेलरैटर) ऐसे संस्थान होते हैं जो नए उद्यमों के विकास में "तेजी" लाने का काम करते हैं। ऐक्सेलरेशन प्रोग्राम्स (उत्प्रेरक कार्यक्रम) आमतौर पर समय– समिति होते हैं और कुछ पूर्वशर्तों जैसे स्टार्टअप्स काम करने लायक नमूना के साथ– साथ बाजार की आरंभिक कर्षण प्रदान करेगा, के साथ विशेष सेवाएं, संसाधन एवं संपर्क प्रदान करते हैं। उत्प्रेरक कार्यक्रम के अंत में स्टार्टअप्स 'अंशांकित– ग्रैजुएट' किए जाते हैं।
स्पिन– ऑफ क्या है?
स्पिन– ऑफ्स वैसी कंपनियां होती हैं, जिन्हें बड़े संगठन जैसे विश्वविद्यालय, निगम काम करने के लिए स्वतंत्र निकाय के रूप में बनाती हैं। हालांकि कानूनी रूप से स्पिन– ऑफ एक आम व्यापार उद्यम की तरह ही है।
भारत में स्टार्टअप को पंजीकृत कैसे कराएं?
काम की प्रकृति, व्यापार का आकार, जरूरतों एवं स्टार्ट–अप की मांगों के आधार पर आप भारत में व्यापार संरचनाओं में से निम्नलिखित प्रकार को चुन सकते हैं–
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एकल स्वामित्व
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भागीदारी फर्म
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सीमित दायित्व भागीदारी
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कंपनी
परामर्शदाता क्या है?
परामर्श के जरिए विश्वसनीय सलाहकार पहली बार उद्यमी बने लोगों को आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ने के लिए स्टार्टअप टीमों को उनके व्यापार की योजना और व्यापार मॉडल बनाने में सहायता करते हैं, ताकि वे बाजार में ठोस आधार बना सकें। आमतौर पर यह दोहराव की प्रक्रिया होता है।
इक्विटी क्या है?
इक्विटी का अर्थ है कंपनी के मालिक (कों) या आम शेयर (साधारण शेयर) के धारक (कों) द्वारा कंपनी में निवेश की गई पूंजी। व्यापार में आमतौर पर यह तभी वापस किया जाता है जब मालिक अपना हिस्सेदारी दूसरों को बेचते हैं।
ऋण क्या है?
वित्तीय भाषा में, ऋण एक ऐसी व्यवस्था है जहां कर्ज एक इकाई जो कि संगठन या व्यक्ति हो सकता है, द्वारा दिया जाता है। आमतौर पर इस बात के साथ कि उसे ब्याज के साथ वापस किया जाएगा।