इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग (डीईआईटीवाई) बहुत से उद्योग संवर्धन कार्यकलापों के जरिए आईटी और इलेक्ट्रॉनिक हार्डवेयर क्षेत्र के संवर्धन हेतु लगातार प्रयासरत है। सूचना प्रौद्योगिकी और इलेक्ट्रॉनिकी हार्डवेयर विनिर्माण के क्षेत्र में प्रमुख संवर्धनात्मक कार्यकलापों में निम्नलिखित शामिल हैं। देश में सही अवसंरचना का सृजन जो वृद्धि के अनुकूल है, बाजारों का विस्तार करती है और सभी के लिए समान अवसर उपलब्ध कराती है। यह ऐसे अनुसंधान और विकास विशेषज्ञता तथा प्रशिक्षण कार्यक्रम उपलब्ध कराता है, जो बेहतर व्यापार प्रबंधन क्षमता बढ़ाने और संगठनों के बीच प्रतिस्पर्धा पैदा करने में सहायक हैं। यह औद्योगिक रूझानों, प्रबंधन मॉडल, बाजार और उन्नत प्रौद्योगिकियों के बारे में नवीनतम सूचना प्रदान करता है। कुछ व्यापक पहलों के बारे में यहां चर्चा की गई है।
- अवसंरचना सहायता
- अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देना
- कर प्रोत्साहन
- इलेक्ट्रॉनिकी हार्डवेयर विनिर्माण को प्राथमिकता देना
- कार्यबल
अवसंरचना सहायता
इलेक्ट्रॉनिकी हार्डवेयर विनिर्माण क्षेत्र के समक्ष प्रमुश बाधाओं में से एक बाधा के रूप में अपर्याप्त अवसंरचना की पहचान की गई है। इसका समाधान करने के प्रयोजन से विभाग में 28.05.2008 को भारत के राजपत्र में सूचना प्रौद्योगिकी निवेश क्षेत्र (आईटीआईआर)* की स्थापना हेतु नीतिगत संकल्प अधिसूचित किया है। इन क्षेत्रों में उत्कृष्ट अवसंरचना स्थापित की जाएगी और ये सह स्थल, सामान्य अवसंरचना और सेवाओं के इस्तेमाल के जरिए नेटवर्क और बेहतर दक्षता का लाभ प्राप्त करेंगे।
अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देना
प्रमुख विशेषताओं में प्रौद्योगिकी तथा नवोद्भव पर ध्यान केंद्रित करते हुए आरंभिक कंपनियों को बढ़ावा देना, इनहाउस अनुसंधान और विकास पर किए गए व्यय की 150% भारित कटौती भी आयकर अधिनियम के अंतर्गत उपलब्ध है। अनुसंधान और विकास परियोजनाओं के निधियन के लिए मौजूदा स्कीम के अलावा विभाग में 2 और प्रमुख योजनाएं लागू की हैं।
इलेक्ट्रॉनिकी और आईटी में अंतर्राष्ट्रीय पेटेंट संरक्षण सहायता (एसआईपी-ईआईटी)
बहुगुणक अनुदान योजना (एमजीएस)
कर प्रोत्साहन
कुछ वर्षों से सरकार इलेक्ट्रॉनिकी हार्डवेयर पर कुल कर स्तर को कम करने के लिए प्रयास करती आ रही है। उत्पाद शुल्क (सेनवेट) की सामान्य दर को घटाकर 8% कर दिया गया है और केंद्रीय बिक्री कर (सीएसटी) को 3% से घटाकर 2% कर दिया गया है। आईटी उत्पादों पर वैट की दर 4% है।
इलेक्ट्रॉनिकी हार्डवेयर विनिर्माण को प्राथमिकता देना
विदेश व्यापार नीति में विशेष रूप से ध्यान केंद्रित करने वाले प्रयासों के लिए इलेक्ट्रॉनिकी और हार्डवेयर विनिर्माण की पहचान एक प्रमुख क्षेत्र के रूप में की गई है जिसके परिणामस्वरूप:
- डीजीएफटी से आवश्यक अनुमोदन/स्वीकृतियां तेजी से सुनिश्चित की जाएंगी
- निर्यातक/असोसिएशन इलेक्ट्रॉनिकी और आईटी हार्डवेयर विनिर्माण उद्योग निर्यात के लिए वाणिज्य विभाग, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय की बाजार अभिगम पहल (एमएआई) और बाजार विकास सहायता (एमडीए) योजनाओं का सदुपयोग करने के लिए पात्र होंगे।
इसके विवरण वाणिज्य विभाग, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय की वेबसाईट (https://commerce.gov.in/) पर उपलब्ध हैं।
वृद्धि के लिए कार्यबल
निम्नलिखित मुद्दों पर सिफारिशें देने के लिए 11 अगस्त 2009 के कार्यालय आदेश के तहत इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा एक कार्यबल गठित किया गया:
- वैश्विक विकास के संदर्भ में आईटी सॉफ्टवेयर और आईटी समर्थ सेवा क्षेत्र की वृद्धि को सुदृढ़ करने के लिए रणनीतियां
- (i) इलेक्ट्रॉनिक हार्डवेयर उत्पादों और (ii) आईटी और आईटी समर्थ सेवाओं के लिए घरेलू स्तर पर मांग बढ़ाने के लिए आवश्यक उपाय।
कार्यबल की रिपोर्ट4.84 MB
सेमीकंडक्टर डिजाइन, संबद्ध सॉफ्टवेयर और सेवा उद्योग पर अध्ययन17.49 MB