इस क्षेत्र में भारत की सामर्थ्य/निवेश करने के कारण
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- आईटी-बीपीएम क्षेत्र भारतीय अर्थव्यवस्था में सर्वाधिक महत्वपूर्ण वृद्धि उत्प्रेरकों में से एक उत्प्रेरक बन गया है, जो देश के सकल घरेलू उत्पाद और जलकल्याण में सर्वाधिक योगदान (8.1%) करता है।
- भारत ने वैश्विक स्तर पर प्रौद्योगिकी सोर्सिंग व्यापार के काफी बड़े भाग पर कब्जा कर लिया है। वैश्विक बाजार में भारतीय आईटी उद्योग (हार्डवेयर सहित) की हिस्सेदारी 7% है और यह वृद्धि बड़े पैमाने पर मुख्यत: निर्यात के कारण हुई है।
- 60% फर्म वैश्विक बाजार में अपने सॉफ्टवेयर उत्पाद उतारने से पहले परीक्षण सेवाओं के लिए भारत का इस्तेमाल करती हैं।
- संभावित वृद्धि – आईटी सेवाएं (>14% वित्त वर्ष 2013 की तुलना में); बीपीएम (>11% वित्त वर्ष 2013 की तुलना में)।
- लागत नेतृत्व – पिछले पांच वर्ष में ग्राहकों के लिए > यूएसडी 200 बिलियन
- भारत में शहरी अवसंरचना तेजी से बढ़ रही है, जो देश में कर्इ आईटी केंद्रों के लिए अनुकूल है; सेवा प्रदायगी के लिए लगभग 50 बड़े शहर मौजूद हैं।
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क्षेत्र के आधारभूत तथ्य
(सांख्यिकी)
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- संभावित आईटी-बीपीएम राजस्व– यूएस डॉलर 118 बिलियन – 2014 में;
- निर्यात–2014 में यूएस डॉलर 86.4 बिलियन (अनुमानित) (आईटी सेवाएं - यूएस डॉलर 52 बिलियन; बीपीएम – यूएस डॉलर 20 बिलियन; इंजीनियरिंग और अनुसंधान एवं विकास सेवाएं (ईआर एंड डी) और सॉफ्टवेयर उत्पाद - यूएस डॉलर 14 बिलियन ; हार्डवेयर – यूएस डॉलर 0.4 बिलियन )
- 15,000 से अधिक फर्म; जिसमें से 1000+ बड़ी फर्म हैं।
- सबसे बड़ा निजी क्षेत्र नियोक्ता– 3.1 मिलियन जॉब
- इस क्षेत्र की कुल सेवा निर्यात में सबसे बड़ी हिस्सेदारी (38%) है।
- 78 देशों के ~600 ऑफशोर विकास केंद्र।
(स्रोत: नासकॉम)
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वृद्धि चालक
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- उभरते हुए भूभाग और क्षेत्र; प्लेटफॉर्म उत्पाद और ऑटोमेशन के कारण गैर रेखीय वृद्धि।
- यूएस और यूरोप से आईटी सेवाओं के लिए फिर से मांग।
- उपभोक्ताओं द्वारा प्रौद्योगिकी और दूरसंचार को बढ़े हुए पैमाने पर अपनाना और अपेक्षाकृत अधिक केंद्रीकृत सरकारी प्रयास- जिसके परिणामस्वरूप आईसीटी को बड़े पैमाने पर अपनाया जा रहा है।
- उच्च मूल्य ग्राहकों की वृद्धि (> यूएस डॉलर 1मिलियन) – पिछले पांच वर्ष में सर्वाधिक (>13.5% वृद्धि)
- उभरते हुए क्षेत्र (रिटेल; स्वास्थ्य देखरेख; उपयोगिता सेवाएं) वृद्धि चालक (>14%)
- 2020 तक एसएमएसी (सोशल, मोबिलिटी, एनालिटिक्स, क्लाउड) का बाजार यूएस डॉलर 225 बिलियन तक बढ़ाना।
- कार्यबल के प्रशिक्षण पर यूएस डॉलर 1.6 बिलियन वार्षिक रूप से खर्च किया गया; अनुसंधान और विकास पर उत्तरोत्तर रूप से खर्च बढ़ाया गया;
- देश में सभी 2,50,000 ग्राम पंचायतों को जोड़ने के लिए चरणबद्ध ढंग से राष्ट्रीय ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क (एनओएफएन) बिछाया जा रहा है।
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एफडीआई नीति
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- डेटा संसाधन, सॉफ्टवेयर विकास और कंप्यूटर परामर्श सेवाओं; सॉफ्टवेयर आपूर्ति सेवाओं; व्यापार और प्रबंधन परामर्श सेवाओं; बाजार अनुसंधान सेवाओं, तकनीकी परीक्षण और विश्लेषण सेवाओं में स्वचालित मार्ग के तहत 100% तक एफडीआई की अनुमति दी गई।
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क्षेत्रीय नीति
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- सूचना प्रौद्योगिकी पर राष्ट्रीय नीति, 2012 का उद्देश्य 2020 तक आईटी और बीपीएम उद्योग का राजस्व यूएस डॉलर 300 बिलियन तक बढ़ाना है। नीति के अंतर्गत सूचना और संचार प्रौद्योगिकी की पूर्ण शक्ति को संपूर्ण भारत की पहुंच में लाने और 2020 तक आईटी तथा बीपीएम सेवाओं के लिए वैश्विक स्तर पर भारत को एक उभरते हुए स्थान के रूप में समर्थ बनाने के लिए देश की क्षमता और मानव संसाधनों का लाभ उठाने संबंधी दोहरे लक्ष्य प्राप्त करने की बात कही गई है।
- अन्य पहल :
- भारत के सॉफ्टवेयर प्रौद्योगिकी पार्क (एसटीपीआई) की स्थापना
- विशेष आर्थिक जोन (एसईजेड) नीति
- आईटी और सॉफ्टवेयर विकास पर राष्ट्रीय टास्क फोर्स
- राष्ट्रीय ई-शासन योजना (एनईजीपी)
- राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा नीति 2013
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वित्तीय सहायता
(प्रोत्साहन)
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- निर्यात प्रोत्साहन: विदेश व्यापार नीति के तहत निर्यात प्रोत्साहन।
- क्षेत्र आधारित प्रोत्साहन: संबंधित अधिनियमों में निर्दिष्ट के रूप में एसईजेड में इकाइयों के लिए प्रोत्साहन।
- राज्य प्रोत्साहन: राज्य औद्योगिक / आईटी नीतियों के अंतर्गत भी लाभ उपलब्ध हैं।
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निवेश के अवसर
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- आईटी सेवा की स्थापना; बीपीएम; सॉफ्टवेयर उत्पाद कंपनियां; साझा सेवा केंद्र
- बीपीएम - सबसे तेजी से बढ़ते क्षेत्रों - ज्ञान सेवाएं; डेटा विश्लेषीकी; कानूनी सेवाएं; एक सेवा के रूप में बिजनेस प्रोसेस(बीपीएएएस) / क्लाउड आधारित सेवाएं ।
- आईटी सेवाएं – सबसे तेजी से बढ़ते क्षेत्र – एसएमएसी से संबंधित समाधान और सेवाएं; आईएस आउटसोर्सिंग; आईटी परामर्श; सॉफ्टवेयर परीक्षण
- ईआर एवं डी - सबसे तेजी से बढ़ते क्षेत्र – दूरसंचार और अर्धचालक
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भारत में विदेशी निवेशक
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एक्सेंचर (आयरलैंड)
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कॉग्निजेंट (यूएसए)
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एचपी (यूएसए)
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केपजेमिनी (फ्रांस)
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आईबीएम (यूएसए)
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एटोस (फ्रांस)
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माइक्रोसॉफ्ट (यूएसए)
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सीडीएनएस (यूएसए)
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इंटेल (यूएसए)
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डेल इंटरनेशनल (यूएसए)
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एलीगेंट टेक्नोलॉजीज (यूएसए)
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मेंटर ग्राफिक्स (यूएसए)
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ओरेकल कॉर्पोरेशन (यूएसए)
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क्वालकॉम (यूएसए)
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स्टेरिया (फ्रांस)
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रिकॉन (जापान)
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एसएपी (जर्मनी)
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टिबको (यूएसए)
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एप्लाइड मैटेरियल्स (यूएसए)
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फिलिप्स (नीदरलैंड)
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महत्वपूर्ण एजेंसियां
(वेबसाइट के साथ मंत्रालय / सेक्टर कक्ष)
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- इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग, संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार ( http://deity.gov.in/ )
- राष्ट्रीय सॉफ्टवेयर और सेवा कंपनी संघ (नैसकॉम) ( www.nasscom.in )
- भारतीय सॉफ्टवेयर उत्पाद उद्योग गोलमेज (आईएसपीआईआरटी) ( www.ispirt.in )
- भारत के अन्य सर्विस प्रोवाइडर एसोसिएशन (ओएसपीएआई) ( www.ospai.in )
- भारतीय डाटा सुरक्षा परिषद ( www.dsci.in )
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