सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 18 में समतुल्य किप्टो प्रणालियों के आधार पर डिजीटल हस्ताक्षरों को उतनी ही कानूनी मान्यता प्रदान की गई है, जितनी की हस्ताक्षरित दस्तावेज को। अधिनियम की धारा 17 में प्रमाणन प्राधिकारी नियंत्रक (सीसीए) के लिए यह प्रावधान किया गया है कि वह प्रमाणन प्राधिकारियों को लाइसेंस प्रदान कर सकता है और उनकी कार्यप्रणाली का विनियमन कर सकता है। प्रमाणन प्राधिकारी प्रयोक्ताओं के इलेक्ट्रॉनिक अधिप्रमाणन के लिए डिजीटल हस्ताक्षर प्रमाणपत्र जारी करते हैं।
प्रमाणन प्राधिकारी नियंत्रक (सीसीए) ने देश में प्रमाणन प्राधिकारियों (सीए) की सार्वजनिक कुंजियों को डिजिटल रूप से हस्ताक्षरित करने के लिए आईटी अधिनियम की धारा 18 (ख) के अंतर्गत भारतीय रूट अधिप्रमाणन प्राधिकरण (आरसीएआई) की स्थापना की है। सीसीए अपनी निजी कुंजी का इस्तेमाल करते हुए सीए की सार्वजनिक कुंजियों का अधिप्रमाणन करता है, जो प्रयोक्ताओं को साइबर स्पेस में यह सत्यापित करने में समर्थ बनाता है कि दिया गया प्रमाणपत्र किसी लाइसेंसशुदा प्रमाणन प्राधिकारी (सीए) द्वारा जारी किया गया है।
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