विश्वव्यापी कम्प्यूटिंग के तहत चल रही परियोजनाएं निम्नानुसार हैः
राष्ट्रीय विश्वव्यापी कम्प्यूटिंग अनुसंधान केन्द्रों की स्थापना
सी-डैक केंद्र द्वारा राष्ट्रीय विश्वव्यापी कम्प्यूटिंग अनुसंधान पहल (हैदराबाद, चेन्नई और बेंगलूर) के तहत, उद्देश्य विश्वव्यापी कंप्यूटिंग (यूबीकाम) के बहु-अनुशासनात्मक क्षेत्रों में आर एंड डी का आधार तैयार करना है। कुछ विकास क्षेत्रों में प्रकाश नियंत्रण, एचवीएसी और इंटरैक्टिव मिरर, स्मार्ट बेड, स्वचालित किचन जैसी घरेलू कलाकृतियों के लिए इंटेलिजेंट होम प्रौद्योगिकियों के साथ साथ (सर्वव्यापक) हेल्थकेयर प्रदान करने के लिए हेल्थ केयर सेंसर को जोड़ने के लिए निकाय क्षेत्र नेटवर्क शामिल है।
प्रदूषण जांच और मूल्यांकन प्रणाली
सार्वजनिक स्थल की सुरक्षा के लिए वायरलेस मेष नेटवर्क आधारित सेंसर का प्रयोग करके प्रदूषण जांच और मूल्यांकन पर परियोजना को आईआईएम कोलकाता में शुरू किया गया था। परियोजना का उद्देश्य, उत्सर्जन के प्राथमिक स्रोत की पहचान करके प्रदूषण की जांच के लिए वायरलेस सेंसर नेटवर्क का विकास करना है (बेंजीन, टोल्यूनि, एक्साइलीन, CO व CO2 et al का पता लगाना, डेटा को छानने और एकत्रीकरण के लिए तंत्र का विकास करना, पावर प्रबंधन और अंत में उत्पाद/प्रणाली का व्यावसायीकरण। क्षेत्र परीक्षण को सफलतापूर्वक कोलकाता महानगर क्षेत्र में पूरा किया गया है और इस परियोजना को जल्द ही शुरू किया जाएगा
विश्वव्यापी कम्प्यूटिंग टेस्ट बेड और यूसी अनुप्रयोग का डिजाइन और विकास
‘‘विश्वव्यापी कम्प्यूटिंग टेस्ट बेड और यूसी अनुप्रयोग का डिजाइन और विकास’’ पर परियोजना को आईआईएससी बेंगलूर में शुरू किया गया है। इस परियोजना का उद्देश्य विश्वव्यापी अनुप्रयोग के लिए सक्षम टेस्ट-बेड वास्तुकला और मानक कॉन्फ़िगरेशन युक्त यूसी अनुप्रयोग का परीक्षण करने के लिए प्रारूप का विकास करना है। वर्तमान में कई प्रणालियों को पहले से ही विकसित किया गया है।
रियल-टाइम भूस्खलन जांच के लिए वायरलेस सेंसर नेटवर्क
रियल-टाइम भूस्खलन की जांच के लिए वायरलेस सेंसर नेटवर्क पर परियोजना को केरल में अमृता विश्वविद्यालय, कोल्लम, में शुरू किया गया है। परियोजना का उद्देश्य परिनियोजन साइट के लिए वायरलेस सेंसर नेटवर्क के साथ साथ, पोर वाटर प्रैशर, टिल्ट मीटर और रेन गेज सेंसर के साथ रीयल टाइम भूस्खलन जांच के लिए वायरलेस सेंसर नेटवर्क का विकास करना है। ऑपरेशन में इस तकनीक के साथ, भूस्खलन का खतरा मूल्यांकन किया जाएगा और विभिन्न प्रयोजनों के लिए रिमोट कमांड और कंट्रोल इंटरफेस प्रदान किया जाएगा। आन - साइट सेंसर बहुत जल्द ही स्थापित किया जाएगा।
मल्टीमॉडल यूजर इंटरफेस का विकास
भारत में आम लोगों के लिए इंटरनेट के उपयोग के लिए बहुविध यूजर इंटरफेस के विकास पर परियोजना को आईआईटी-खड़गपुर में कार्यान्वित किया जा रहा है। इस परियोजना का उद्देश्य हिंदी और बंगाली जैसी भाषा में भारत के पिछड़े समुदायों के लिए इंटरनेट के उपयोग के लिए समर्थन और बहुविध संचार सुविधाएं प्रदान करना है।
मध्यम रेंज मौसम पूर्वानुमान केन्द्र के लिए राष्ट्रीय केन्द्र (एनसीएमआरडब्ल्यूएफ)
मध्यम रेंज मौसम पूर्वानुमान केन्द्र के लिए राष्ट्रीय केन्द्र (एनसीएमआरडब्ल्यूएफ) पर परियोजना, को नोएडा सी-डैक, पुणे द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है। संयुक्त रूप से डीएसटी और डीआईटी विभाग द्वारा वित्त पोषित इस परियोजना परम प्रणाली स्थापित करने के लिए है। परियोजना का उद्देश्य परम कम्प्यूटर पर मध्यम रेंज मौसम पूर्वानुमान के लिए विविध मौसमी पूर्वानुमान मॉडल पोर्ट करना है। वर्तमान में प्रणाली बेंच मार्किंग के अधीन है और पूर्वानुमान सॉफ्टवेयर मॉडलों की पोर्टिंग नियमित परिचालन डेटा के लिए जारी रखी जाएगी।