एचआरडी प्रभाग के कार्यकलापों में निम्नलिखित कार्य शामिल हैं
- इलेक्ट्रॉनिकी और आईटी उद्योग के विनिर्माण और सेवा क्षेत्रों के लिए प्रशिक्षित मानव संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए मानव संसाधन से संबंधित सभी मामले जिसमें आवश्यक संख्या और कौशल सेट के संदर्भ में मांग का पूर्वानुमान लगाना, परंतु इतना ही नहीं शामिल नहीं है।
- औपचारिक क्षेत्र से उभरते हुए अंतराल की पहचान करना।
- इन अंतरालों को दूर करने के लिए अनौपचारिक/औपचारिक क्षेत्रों में कार्यक्रमों की आयोजना संगठन और कार्यान्वयन।
- पाठ्यचर्या और पाठ्यसामग्री के संशोधन हेतु संबंधित मंत्रालयों के साथ समन्वय स्थापित करना।
- राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (नाइलिट)
राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिकी नीति – मानव संसाधन विकास परिप्रेक्ष्य में
राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिकी नीति में देश की आवश्यकताओं को पूरा करने और अंतराष्ट्रीय बाजार में सेवा प्रदान करने के लिए वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी इलेक्ट्रॉनिकी डिजाइन और विनिर्माण उद्योग सृजित करने के विजन से तैयार की गई है। इस नीति के अंतर्गत मानव संसाधन विकास के लिए निर्धारित उद्देश्यों में निम्नलिखित शामिल हैं:
- वर्ष 2020 तक विभिन्न स्तरों पर लगभग 28 मिलीयन लोगों के लिए रोजगार सृजित करना
- इएसडीएम क्षेत्र में कुशल जनशक्ति की उपलब्धता में महत्वपूर्ण वृद्धि करना
- 2020 तक स्नातकोत्तर शिक्षा के सुदृढ़ीकरण और वार्षिक आधार पर लगभग 2500 पीएचडी धारक तैयार करने पर विशेष रूप से जोर देना।
राष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी नीति – मानव संसाधन विकास के परिप्रेक्ष्य में
राष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी नीति वैश्विक आईटी हब के रूप में भारत की स्थिति को मजबूत करने और उसका विस्तार करने तथा राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में त्वरित, समावेशी और स्थाई वृद्धि के लिए इंजन के रूप में आईटी के इस्तेमाल के विजन के साथ तैयार की गई है। इस नीति के अंतगर्त मानव संसाधन विकास के लिए निर्धारित उद्देश्यों में निम्नलिखित शामिल हैं:
- आईसीटी के क्षेत्र में लगभग 10 मिलियन अतिरिक्त कुशल जनशक्ति का एक पुल तैयार करना
- प्रत्येक परिवार में कम से कम एक व्यक्ति को ई-साक्षर बनाना
- समावेशी विकास को सुकर बनाने के लिए सूचना सामग्री और आईसीटी अनुप्रयोगों का अभिगम समर्थ बनाना।
- कार्यबल बढ़ाने के लिए आईसीटी का इस्तेमाल और जीवन पर्यंत अधिगम को समर्थ बनाना
- 2020 तक विशेषज्ञ क्षेत्रों में वार्षिक आधार पर 3000 पीएचडी धारक तैयार करना
कौशल विकास पर राष्ट्रीय नीति
भारत सरकार ने कौशल विकास पर एक राष्ट्रीय नीति घोषित की थी, जिसमें 2022 तक 500 मिलियन लोगों को कुशल बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है और आईईसीटी के क्षेत्र में 10 मिलियन लोगों को प्रशिक्षित करने का दायित्व इस विभाग को सौंपा गया है। इस विकास का एक महतवपूर्ण पहलू यह है कि इसके तहत इलेक्ट्रॉनिकी और आईटी क्षेत्र में कौशल आवश्यकता के लिए निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ावा दिया जा रहा है। कौशल विकास पर प्रधानमंत्री की राष्ट्रीय परिषद ने वित्तीय वर्ष 2013-14 तक 5 लाख लोगों को कुशल बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया था। नाइलिट, सी-डैक और अन्य संगठनों के जरिए सौंपा गया लक्ष्य प्राप्त कर लिया गया है।
मानव संसाधन विकास प्रभाग ने उपर्युक्त कार्यकलापों के अनुक्रम में बहुत सी परियोजनाएं/कार्यक्रम शुरू किए हैं और उनका कार्यान्वयन जारी है। इन परियोजनाओं में निम्नलिखित शामिल हैं :
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स्नातकोत्तर और डॉक्टरेट स्तर
इलेक्ट्रॉनिकी प्रणाली डिजाइन और विनिर्माण (ईएसडीएम) और आईटी/आईटी समर्थ सेवाओं (आईटीईएस) के क्षेत्रों में अनुसंधान एवं विकास पर जोर देने के लिए योजना
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स्नातक स्तर
इलेक्ट्रॉनिकी और आईसीटी अकादमियों की स्थापना के लिए वित्तीय सहायता योजना
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व्यवसायिक, कौशल विकास स्तर
इलेक्ट्रॉनिकी प्रणाली डिजाइन और विनिर्माण (ईएसडीएम) क्षेत्र में कौशल विकास के लिए राज्यों/संघ राज्यों को वित्तीय सहायता हेतु योजना
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जमीनी स्तर
देश में आईटी जन साक्षरता के लिए योजना
- राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (नाइलिट) के सुदृढ़ीकरण के जरिए वंचित क्षेत्रों में कौशल विकास सुविधाओं की स्थापना
- क्षेत्रीय कौशल परिषदों – इलेक्ट्रॉनिकी, दूरसंचार, आईटी/आईटीइएस के जरिए उद्योगों की अधिक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए प्रयास
- सूचना सुरक्षा शिक्षा और जागरूकता (आईएसईए) परियोजना
- समाज के सुविधाविहिन वर्गों के लिए आईटी कौशल विकास
- इलेक्ट्रॉनिकी उत्पाद डिजाइन और उत्पादन प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में क्षमता निर्माण
- हार्डवेयर, संबद्ध प्रणालियों और सूचना प्रौद्योगिकी के उभरते हुए रूझानों में उन्नत संकाय प्रशिक्षण
- एनसीपीयूएल/नाइलिट (चंडीगढ़) द्वारा कार्यान्वित की जा रही इलेक्ट्रॉनिकी हार्डवयेर में कौशल विकास येाजना
- जनमानस के लिए आईटी
क्र. सं. | अधिकारी का नाम और पदनाम | दूरभाष सं. | फैक्स सं. | ई-मेल |
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1 | डॉ. अजय कुमार, संयुक्त सचिव तथा ग्रुप कोऑर्डिनेटर ई-अवसंरचना /ई-अभिगम समूह |
+91-11-24360160 | +91-11-24363079 | ajay[at]mit[dot]gov[dot]in |
2 | श्री अशोक कुमार अरोड़ा , वैज्ञानिक ‘एफ’ | +91-11-24301336 | +91-11-24364777 | aarora[at]mit[dot]gov[dot]in |
3 | श्री अनिल कुमार पीपल, वैज्ञानिक ‘ई’ | +91-11-24364777 +91-11-24301340 |
+91-11-24364777 | pipal[at]nic[dot]in |
4 | श्री संजय कुमार व्यास , वैज्ञानिक ‘डी’ |
+91-11-24361554 +91-11-24301312 |
+91-11-24366559 | s[dot]vyas[at]nic[dot]in |
5 | श्री शंकर दास , वैज्ञानिक ‘बी’ |
+91-11-24301800 | +91-11-24366559 | shankar[dot]das[at]nic[dot]in |
6 | श्री पी, विक्टर अल्बुकर्क, अनुभाग अधिकारी | +91-11-24301386 | +91-11-24366559 | p[dot]victor[at]nic[dot]in |