आर्मेनिया | ऑस्ट्रेलिया | बेलारूस | कनाडा | चीन |
मिस्र (इजिप्ट) | यूरोपीय संघ (ईयू) | एस्टोनिया | फ्रांस | फिनलैंड |
जर्मनी | घाना | आईबीएसए | इज़राइल | जापान |
कज़ाकिस्तान | लाओ पीडीआर | लेसोथो | मलेशिया | मॉरीशस |
म्यांमार | पोलैंड | रूस | सऊदी अरब | सिंगापुर |
दक्षिण कोरिया | सेशेल्स | तंज़ानिया | ताइवान | तुर्कमेनिस्तान |
संयुक्त राष्ट्र अमेरिका | उज़्बेकिस्तान | वियतनाम |
आर्मेनिया
- येरेवन, आर्मेनिया में सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में शिक्षण के लिए भारत द्वारा आईटी में भारत-आर्मेनिया उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किया गया । सी-डैक भारत की ओर से कार्यान्वयन एजेंसी था।
- परियोजना के लिए आर्मेनिया सरकार ने भूमि, भवन, बिजली, पानी और अपेक्षित जनशक्ति आदि जैसी भौतिक बुनियादी सुविधाएं प्रदान की है।
- भारतीय पक्ष द्वारा तकनीकी बुनियादी ढांचा, पाठ्यक्रम पाठ्यचर्या, प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण प्रदान किया गया।
- आर्मेनिया के तवुश क्षेत्र में आईटी बुनियादी सुविधाओं की आपूर्ति, स्थापना और कमीशनिंग सफलतापूर्वक पूरे हो चुके हैं।
- केंद्र का उद्घाटन नवंबर 2011 में किया गया।
- केंद्र आईटी क्षेत्र में मानव संसाधन विकास गतिविधियों को पूरा करता है।
- केंद्र में उच्च निष्पादन कंप्यूटिंग सुविधा, अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशाला, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग, क्लास रूम आदि हैं। इस केंद्र में 2500 से अधिक छात्रों को अब तक प्रशिक्षित किया गया है।
- सी-डैक वर्तमान में सभी 72 स्कूलों को वारंटी सहायता प्रदान कर रहा है।
ऑस्ट्रेलिया
- माननीय राज्यमंत्री (सी एंड आईटी) ने 22-24 मई 2012 को सिडनी में सीईबीआईटी 2012 में भाग लेने के लिए एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया। करीब 54 भारतीय कंपनियों ने सीईबीआईटी प्रदर्शनी और सम्मेलन में भाग लिया। यह ऑस्ट्रेलिया और अन्य सभी प्रतिभागी देशों और कार्यक्रम के संरक्षकों के बीच आईटी क्षेत्र में भारत की ताकत दिखाने के लिए एक महान अवसर था।
- सीईबीआईटी ऑस्ट्रेलिया 2012 में प्रतिभागी देश के रूप में भारत की प्रतिभागिता ने भारतीय आईटी और आईटी समर्थ सेवाओं के क्षेत्र में की गई प्रगति को वैश्विक स्तर पर मान्यता प्रदान की। व्यापार सहयोग के लिए लगभग 1200 अवसर प्राप्त हुए और स्थल पर ही लगभग 25 करोड़ रूपए के आदेश प्राप्त हुए।
- भारतीय आईटी और इलेक्ट्रॉनिक हार्डवेयर के अवसरों को प्रदर्शित करने के लिए एक सेमिनार भी आयोजित किया गया।
बेलारूस
- बेलारूस में आईसीटी के विकास को बढ़ावा देने के लिए भारत-बेलारूस डिजिटल लर्निंग सेंटर (डीएलसी-आईसीटी) स्थापित किया गया।
- बेलारूस की सरकार ने परियोजना के लिए भूमि, भवन, बिजली, पानी आदि और अपेक्षित जनशक्ति जैसी बुनियादी अवसरंचना उपलब्ध कराई है जबकि तकनीकी अवसंरचना, पाठ्यक्रम पाठ्यचर्या, प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण भारतीय पक्ष द्वारा प्रदान किया गया है ।
- लीज लाइनों के माध्यम से बेलारूस में डीएलसी-आईसीटी को चार क्षेत्रीय केंद्रों से जोड़ा गया है और ई-अधिगम के माध्यम से उन्नत आईटी शिक्षा प्रदान की गई है।
- डीएलसी-आईसीटी फरवरी 2011 से कार्य कर रहा है। अब तक 1000 से अधिक छात्रों को पहले ही इस केंद्र में प्रशिक्षित किया जा चुका है।
- भारत सरकार की ओर से, सी-डैक कार्यान्वयन एजेंसी था। केंद्र का उद्घाटन जनवरी 2012 में किया गया।
- आईसीटी के क्षेत्र में सी-डैक और बेलारूस की राष्ट्रीय शैक्षणिक संस्था के यूनाइटेड इंस्टीट्यूशन ऑफ इंफॉर्मेटिक्स प्रोबलम (यूआईआईपी) के बीच एक समझौता ज्ञापन पर बेलारूस के प्रधानमंत्री की भारत यात्रा के दौरान 14 नवंबर 2012 को हस्ताक्षर किए गए।
कनाडा
- आईसीटी और इलेक्ट्रॉनिकी क्षेत्र पर एक समझौता ज्ञापन नवंबर 2012 में हस्ताक्षर किए गए हैं।
- जेडब्ल्यूजी की पहली बैठक नई दिल्ली में फरवरी 2013 में आयोजित की गई। इस जेडब्ल्यूजी बैठक के फलस्वरूप, सह-अध्यक्षों की जुलाई 2013 और नवंबर 2013 में टेली-कांफ्रेंस पर बातचीत हुई।
- आईसीटीई पर भारत-कनाडा द्विपक्षीय बैठक 6 दिसंबर 2013 को नई दिल्ली में आयोजित की गई। द्विपक्षीय बैठक में मुख्य रूप से पांच क्षेत्रों पर चर्चा की गई- बी 2 बी सहयोग, निवेश और नवोद्भव, ई-सरकार, साइबर सुरक्षा और अनुसंधान एवं विकास सहयोग । बैठक के दौरान कार्यसमूह की प्रगति की समीक्षा, जिसने दोनों पक्षों की कंपनियों/संस्थानों को आपस में बातचीत करने के लिए एक मंच प्रदान किया। कनाडा और भारतीय प्रतिनिधियों ने प्रत्येक सत्र में आईसीटीई क्षेत्र से संबंधित प्रस्तुतीकरण दिए।
चीन
- माननीय उपाध्यक्ष, योजना आयोग की अध्यक्षता में 3 सामरिक आर्थिक वार्ताएं (एसईडी) मार्च, 2014 के दौरान बीजिंग में आयोजित की गईं। डीईआईटीवाई प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा था।
- भारतीय संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और चीन गणराज्य के उद्योग और सूचना मंत्रालय के बीच मार्च 2014 में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। समझौता ज्ञापन का मुख्य उद्देश्य आईटी-आईटीईएस क्षेत्र में चीन के साथ व्यापारिक सहयोग बढ़ाना है।
- उच्च प्रौद्योगिकी कार्य समूह के दोनों पक्षों ने, सूचना प्रौद्योगिकी और संचार के क्षेत्र में बढ़े हुए सहयोग की उपलब्धि की समीक्षा की। दोनों पक्षों ने दोनों देशों के बीच मजबूत पूरक अवसरों का लाभ उठाने और आईटी, इलेक्ट्रॉनिकी और संचार सहित विभिन्न क्षेत्रों में सामूहिक विकास के लिए एक अनुकूल माहौल बनाने के लिए सहमति व्यक्त की।
- सेवा व्यापार के लिए अंतर्राष्ट्रीय मेले (सीआईएफटीआईएस) और एसओएफटी चीन में भाग लेने के लिए वाणिज्य विभाग के नेतृत्व में डीईआईटीवाई के एक प्रतिनिधिमंडल ने मई 2014 में चीन का दौरा किया। भारतीय पक्ष ने भी बहुत से मुद्दों, विशेष रूप से नियामक मुद्दों और एसओई की बाजार संभावनाओं को समझने के लिए हमारे उद्योगों को एक अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से अधिप्रमाणन तथा लाइसेंसिंग आवश्यकता पर नियामक कार्यशाला का आयोजन किया और चीनी गणराज्य के स्वामित्व वाले संगठनों के साथ गोलमेज बैठक में भाग लिया।
मिस्र (इजिप्ट)
- आईसीटी के क्षेत्र में सहयोग के लिए भारत गणराज्य के संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और मिस्र के अरब गणराज्य के संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के बीच मिस्र के राष्ट्रपति की भारत यात्रा के दौरान 19 मार्च 2013 को एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
- साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग के लिए भारत गणराज्य के संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और मिस्र के अरब गणराज्य के संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के बीच मिस्र के राष्ट्रपति की भारत यात्रा के दौरान 19 मार्च 2013 को एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
यूरोपीय संघ (ईयू)
- भारत-यूरोपीय संघ संयुक्त कार्य समूह की चौथी बैठक ब्रूसेल्स में सितम्बर 2013 में आयोजित की गई।
- जेडब्ल्यूजी ने एक कार्य योजना तैयार की है। तदनुसार, इलेक्ट्रॉनिकी हार्डवेयर विनिर्माण, इंटरनेट सुरक्षा और अनुसंधान एवं विकास के लिए उप समूहों का गठन किया गया है।
- ईयू/सदस्य राष्ट्रों (एमएस) - वरिष्ठ अधिकारियों के समूह (जीएसओ) की पहली बैठक में सचिव, डीईआईटीवाई ने भाग लिया और उन्होंने ईयू/एमएस पक्ष को डीईआईटीवाई में आगामी संभावित क्षेत्रों अर्थात्, इलेक्ट्रॉनिकी नीति, सूचना प्रौद्योगिकी नीति और अनुसंधान एवं विकास नीति के बारे में यूरोपीय संघ / एमएस पक्ष को समझाया था, जहां अनुसंधान और विकास के अपार अवसर हैं।
- सूचना और संचार प्रौद्योगिकी और इलेक्ट्रॉनिकी (आईासीटीई) पर अनुसंधान और नवोद्भव पर भारत-यूरोपीय संघ कार्यशाला नई दिल्ली में अप्रैल 2014 में आयोजित की गई।
एस्टोनिया
- ई-शासन के क्षेत्र में क्षमता निर्माण के लिए सहयोग पर एमसीआईटी, भारत और एस्टोनिया के बीच एक समझौता ज्ञापन पर 5 साल के लिए फरवरी 2014 को हस्ताक्षर किए गए।
फ्रांस
- आईसीटी पर एक समझौता ज्ञापन पर सितंबर 2000 में हस्ताक्षर किए गए ।
- 9 वीं भारत-फ्रांस जेडब्ल्यूजी की बैठक अक्टूबर 2013 में आयोजित की गई ।
- भारत और फ्रांस ने आईसीटी क्लस्टर, ओपन डाटा और क्लाउड कम्प्यूटिंग के क्षेत्र में सहयोग के लिए सहमति व्यक्त की है ।
- आईसीटी प्रतिस्पर्धा क्लस्टर के क्षेत्र में सहयोग पर एसपीटीआई और सिस्टेमैटिक पेरिस रिजन के बीच एक समझौता ज्ञापन पर विचार किया जा रहा है।
- एक "कंप्यूटर लागू आविष्कार के लिए पेटेंट पर भारत-यूरोपीय सम्मेलन" नवंबर 2013 में नई दिल्ली में आयोजित किया गया।
फिनलैंड
- भारत और फिनलैंड के बीच सूचना सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग पर एक करार पर जनवरी 2010 में हस्ताक्षर किए गए।
- यूरोपीय मामलों और विदेश व्यापार मंत्री ने अक्टूबर 2013 में एम सी और आईटी से मुलाकात की।
जर्मनी
- भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने हनोवर में मार्च 2014 में आयोजित सीईबीआईटी में भाग लिया।
- अंतर्राष्ट्रीय साइबर मुद्दों पर भारत-जर्मनी परामर्श फरवरी, 2013 के दौरान दिल्ली में आयोजित किए गए ।
- भारतीय संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और जर्मनी के आर्थिक और प्रौद्योगिकी संघीय मंत्रालय के बीच हित की संयुक्त घोषणा का एक मसौदा वर्ष 2013 में तैयार किया गया और यह सक्रिय रूप से विचाराधीन है।
- माननीय एमसीआईटी ने 18-19 सितंबर 2014 के दौरान फ्रैंकफर्ट, जर्मनी में आयोजित बैठक के लिए भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया जिसमें कई जापानी कंपनियों ने भाग लिया। प्रतिनिधिमंडल ने विद्युत, इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी के लिए संघ के परीक्षण और प्रमाणन संस्थान का दौरा किया।
घाना
- भारत ने आईटी क्षेत्र में मानव संसाधन विकास की आवश्यकता को पूरा करने के लिए अकरा, घाना में संचार और सूचना प्रौद्योगिकी के लिए भारत-घाना कोफी अन्नान उत्कृष्टता केन्द्र की स्थापना की है।
- यह केंद्र दिसंबर 2003 से प्रचालनरत है । डेटा संचार और नेटवर्किंग प्रयोगशाला, सर्वर के साथ उच्च तकनीकी कंप्यूटर प्रयोगशालाएं, क्लास रूम, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग और उपग्रह कनेक्टिविटी के साथ दूरस्थ अधिगम प्रयोगशाला की इस केंद्र में स्थापना की गई ।
- परियोजना का कार्यान्वयन सी-डैक द्वारा किया गया। इस केंद्र को भारत सरकार की सहायता से वर्ष 2013-14 के दौरान फिर से उन्नत बनाया गया।
- घाना की सरकार ने परियोजना के लिए भूमि, भवन, बिजली, पानी और अपेक्षित जनशक्ति आदि जैसी भौतिक अवसंरचना उपलब्ध कराई थी। तकनीकी अवसंरचना, पाठ्यक्रम पाठ्यचर्या और प्रशिक्षण आदि भारतीय पक्ष द्वारा प्रदान किए गए।
- अब तक इस केंद्र में लगभग 12,000 छात्रों को प्रशिक्षित किया गया है।
आईबीएसए
- आईसीटी पर 2005 में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
- अब तक आईसीटी पर संयुक्त कार्य समूह (जेडब्ल्यूजी) की आठ बैठकें आयोजित की गई हैं। आईबीएसए एस एंड टी कार्य समूह की आखिरी बैठक मई 2013 में आयोजित की गई जिसकी अध्यक्षता सचिव, डीएसटी द्वारा की गई। आईबीएसए के देशों के इन प्रमुख बिंदुओं के परिणामस्वरूप सूचना प्रौद्योगिकी पर कार्य समूह का एस एंड टी पर कार्य समूह के साथ विलय कर दिया गया है।
इज़राइल
- एक समझौता ज्ञापन पर जनवरी 2002 में हस्ताक्षर किए गए ।
- यूजीसी और इसराइल विज्ञान फाउंडेशन, इसराइल के बीच एक समझौता ज्ञापन पर अगस्त 2012 में हस्ताक्षर किए गए ।
- माननीय एमसीआईटी के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने भारत में इलेक्ट्रॉनिकी प्रणाली डिजाइन और विनिर्माण (ईएसडीएम) क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के लिए जून 2013 में इसराइल का दौरा किया।
- डीईआईटीवाई ने इजरायल की कंपनियों से निवेश के प्रस्तावों को सुविधाजनक बनाने और भारत सरकार और राज्य सरकार की अन्य एजेंसियों के साथ बातचीत की सुविधा के लिए एक इजरायली सहायता डेस्क की स्थापना की ।
- माननीय एमसीआईटी ने अप्रैल 2012 में इसराइल के लिए एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया ।
- संयुक्त अनुसंधान कार्यक्रम पर दो दिन की कार्यशाला अगस्त 2012 में नई दिल्ली में आयोजित की गई ।
- डीईआईटीवाई अनुसंधान एवं विकास के लिए 25 लाख यूएस डालर का योगदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। सहयोग के लिए संभावित 27 क्षेत्रों अर्थात माइक्रो और नैनो इलेक्ट्रॉनिकी, सेमीकंडक्टर, संज्ञानात्मक इंजीनियरिंग, क्वांटम कम्प्यूटिंग, फोटोनिक्स और इलेक्ट्रॉनिकी के लिए सामग्री विज्ञान, साइबर भौतिक प्रणाली, वायरलेस सेंसर नेटवर्क, जैव चिकित्सा, परिशुद्ध कृषि के लिए आईसीटी, मानव कंप्यूटर इंटरफेस आदि पर विचार के लिए अध्यक्ष आईएसएफ को जानकारी दी गर्इ है।
- माल, सेवाओं और निवेश को शामिल करते हुए इसराइल के साथ व्यापक मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत करने के लिए व्यापार समिति 2010 में गठित किया गया
- सी-डैक, समीर, सी-मैट और मीडिया लैब एशिया के साथ-साथ डीईआईटीवाई ने मई 2014 में तेल अबीब में आयोजित पहले इजरायल नवोद्भव सम्मेलन- एमआईएक्सआईआईआई 2014 में भाग लिया।
जापान
- आईटी और इलेक्ट्रॉनिकी क्षेत्र में जापान और भारत के बीच बेहतर सहयोग के लिए अपार अवसर है। जापानी इलेक्ट्रॉनिकी उद्योग और भारतीय आईटी उद्योग के बीच सहयोग से कई अवसर उत्पन्न होते हैं।
- इलेक्ट्रॉनिकी और आईटी क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए एमईटीआई, जापान और डीईआईटीवाई, भारत के बीच 2013 में एक संयुक्त कार्य दल का गठन किया गया है। संयुक्त कार्य समूह में बी 2 बी के साथ ही जी2बी घटक शामिल हैं। यह व्यवस्था दोनों देशों के बीच बेहतर सहयोग बढ़ाने के लिए एक अच्छा साधन उपलब्ध कराता है।
- भारत में इलेक्ट्रॉनिकी क्षेत्र में कार्यरत जापानी कंपनियों की सुविधा के प्रयोजन से डीईआईटीवाई ने एक जापान सहायता डेस्क की स्थापना की है।
- "द्विपक्षीय वार्ता प्रणाली के लिए मुखाकृतियों की पहचान और मानवीय व्यवहार का विश्लेषण’’ पर सी-डैक, कोलकाता और एनएसटीआई,जापान के बीच एक संयुक्त अनुसंधान एवं विकास परियोजना जारी है।
- जापान के साथ साइबर सुरक्षा सहयोग भारत के लिए एशिया -प्रशांत क्षेत्र में काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह यूरोपीय संघ और यूएस के साथ इसके वैश्विक सहयोग प्रयासों के पूरक के रूप में कार्य करता है। यह सहयोग साइबर स्पेस की संरक्षा और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए वैश्विक भागीदारों के साथ सार्थक ढंग से योगदान देने और सहभागिता निभाने में भारत की योग्यता और क्षमता को बढ़ाएगा ।
- इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग (डीईआईटीवाई) के अंतर्गत इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (सर्ट-इन) ने वर्ष 2010 में 5 वर्ष के लिए साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में सूचना के आदान-प्रदान और सहयोग के लिए लिए अपने समकक्ष जापान कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम समन्वय केंद्र (JPCERT / सीसी) के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं ।
कज़ाकिस्तान
- भारत के माननीय प्रधानमंत्री ने अप्रैल 2011 में कजाकिस्तान की अपनी यात्रा के दौरान यूरेशियाई राष्ट्रीय विश्वविद्यालय में आईटी उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने की घोषणा की ।
- केंद्र ने अनुप्रयोग विकास के लिए एचपीसी सुविधा , प्रशिक्षण केन्द्र, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सुविधा, दो सीआईसी आदि की स्थापना के लिए प्रस्ताव किया है। आईटी उपकरणों की स्थापना और कमीशनिंग का कार्य प्रगति पर है।
- सूचना प्रौद्योगिकी पर भारत-कजाकिस्तान कार्य समूह की तीसरी बैठक नई दिल्ली में मार्च 2012 में आयोजित की गई। कार्य समूह ने ई-शासन, आईटी शिक्षा, आईटी पार्क, सूचना सुरक्षा और यूरेशियन नेशनल यूनिवर्सिटी में कजाखस्तान-भारत आईसीटी उन्नत प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना जैसे विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की
- व्यापार, आर्थिक, वैज्ञानिक, प्रौद्योगिकी और औद्योगिक तथा सांस्कृतिक सहयोग पर 11 वीं भारत-कजाकिस्तान अंतर सरकारी आयोग (आईजीसी) की बैठक अस्ताना, कजाखस्तान में अप्रैल, 2014 में आयोजित की गई । डीईआईटीवाई ने भी आईजीसी में भाग लिया और दोनों देशों के बीच आईसीटी के क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने के लिए विचार-विमर्श किया।
लाओ पीडीआर
- लाओ पीडीआर की सरकार के के सभी ई-शासन अनुप्रयोगों की मेजबानी के लिए मई 2006 में लाओ पीडीआर के वियनतियाने में एक राज्य के अत्याधुनिक राष्ट्रीय डेटा केंद्र की स्थापना की गई ।
- एनआईसी ने भी लाओ पीडीआर सरकार के लिए राष्ट्रीय ई-शासन योजना का मूल्यांकन सर्वेक्षण किया तथा ओपन एनरिच फ्रेमवर्क पर लाओ पीडीआर के लिए राष्ट्रीय पोर्टल विकसित किया। पोर्टल में राष्ट्रीय पोर्टल, मंत्रालयों / विभागों के गतिशील वेबसाइटों और लाओ पीडीआर के सभी प्रांतों और जिलों के पोर्टल शामिल हैं।
लेसोथो
- भारत सरकार द्वारा आईसीटी में उत्कृष्टता के लिए भारत-लेसोथो सेंटर मार्च 2011 में मासेरु, लेसोथो में स्थापित किया गया । केंद्र सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में क्षमता बढ़ाने के लिए आवश्यकता पूरी करता है। अब तक इस केन्द्र में 500 से अधिक छात्रों को सी-डैक द्वारा डिजाइन किए गए विभिन्न आईटी पाठ्यक्रमों पर प्रशिक्षित किया गया है।
मलेशिया
- सूचना प्रौद्योगिकी और सेवाओं (आईटीएस) पर एक समझौता ज्ञापन मई 2001 में हस्ताक्षर किए गए ।
- सूचना प्रौद्योगिकी और सेवाओं पर संयुक्त कार्य समूह (जेडब्ल्यूजी-आईटीएस) की पहली बैठक अक्टूबर 2011 में आयोजित की गई।
- मलेशिया में एमएससी स्थानों से बाहर कार्य परमिट प्रसंस्करण में अधिक समय लगता है। जेडब्ल्यूजी की बैठक में मलेशियाई पक्ष ने सूचित किया एमएससी मलेशिया के प्रतिनिधि को इस समिति में शामिल किया गया है जो गैर एमएससी मलेशिया स्थित कंपनियों के लिए परमिट अनुमोदित करता है और आईटी से संबंधित व्यापार में आवेदकों की सहायता करता है।
- जेडब्ल्यूजी की बैठक में, एमडीईसी और नैसकॉम ने "संयुक्त आईसीटी प्रतिभा विकास सलाहकार समिति (जेआईटीडीसी)" के परिणाम प्रस्तुत किए। यह नोट किया गया कि दोनों देशों के बीच ऐसे ही आईटी उद्योगों के साथ बी2बी नेटवर्क स्थापित करने के लिए और प्रतिभा से संबंधित मामलों को हल करने के लिए भारत में राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) की पहल पर भारत के साथ आगे विचार विमर्श करने के लिए उठाए जाने की जरूरत है ।
- जेआईटीडीसी ने इस बात पर सहमति व्यक्त की है कि वे कुछ मिशन आयोजित करेंगे जो मलेशिया में 3-4 दिनों की अवधि के दौरान आयोजित किए जा सकते हैं और इनका आयोजन दो माह में एक बार किया जा सकता है। हितों के क्षेत्रों की जानकारी मलेशिया के वाणिज्य दूत (इकोनॉमिक काउंसुलर) के जरिए दी जाएगी ।
- सर्ट-इन ने साइबर सुरक्षा सहयोग पर एक मसौदा समझौता ज्ञापन साझा किया।
- लगभग 60 भारतीय आईटी कंपनियां मलेशिया में काम कर रही हैं।
मॉरीशस
- सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए मार्च 2010 में एनआईसीएसआई, भारत और मॉरिशस के सूचना और संचार प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमआईसीटी) के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
- समझौता ज्ञापन के परिणामस्वरूप, मॉरीशस में एनआईएससीआई द्वारा ई-शासन परियोजनाओं को लागू करने के लिए डीईआईटीवाई की सह-अध्यक्षता में भारत-मारीशस संयुक्त कार्यबल का गठन किया गया।
- मॉरीशस जेल सेवा की ई-जेल परियोजना मई 2014 में मॉरीशस में शुरू किया गया है और अब ई-जेल प्रणाली प्रचालनरत है। ई-जेल परियोजना एनआईसी / एनआईसीएसआई द्वारा क्रियान्वित की जा रही है। परियोजना के तहत एनआईसी /एनआईसीएसआई टीम द्वारा मॉरीशस जेल सेवा के लिए सॉफ्टवेयर विकास, अनुकूलन एवं प्रशिक्षण सहायता प्रदान की जा रही है।
म्यांमार
- भारत सरकार के अनुदान से 10 सीआईसी को वीसैट कनेक्टिविटी के साथ प्रशिक्षण, टेलीमेडिसिन के लिए आईटी कौशल बढ़ाने हेतु भारत-म्यांमार केंद्र स्थापित किया गया।
- सी-डैक, पुणे में म्यांमार के कई संकाय सदस्यों को आईटी कौशल में प्रशिक्षित किया गया। आईटी केन्द्र अक्टूबर 2008 से प्रचालनरत है ।
पोलैंड
- भारत की ओर से आईटी पर संयुक्त सचिव (आईसीडी) के साथ सह अध्यक्ष के रूप में एक संयुक्त कार्यदल का गठन किया गया है।
- विचारार्थ विषय तैयार किए गए और औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग (डीआईपीपी) को भेजे गए ।
रूस
- आईटी क्षेत्र में सहयोग के लिए भारत के इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग तथा रूस के दूरसंचार और मास कम्युनिकेशन मंत्रालय के बीच एक रूसी राष्ट्रपति के भारत दौरे के दौरान दिसंबर 2010 में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए ।
- भारत और रूस के बीच आईसीटी पर संयुक्त कार्य समूह के तीसरे सत्र का आयोजन नई दिल्ली में सितंबर 2013 में किया गया था। दोनों पक्षों ने आईटी और दूरसंचार क्षेत्रों में भारतीय और रूसी उद्योग / कंपनियों के बीच सहयोग के लिए अपार संभावनाएं नोट कीं।
- माननीय एम सी और आईटी और रूसी संघ के राजदूत की उपस्थिति में सी-डैक और ज्वाइंट स्टॉक कंपनी "नेविगेशन सूचना प्रणाली", रूस के बीच अक्टूबर 2013 में सहयोग के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। इस करार का उद्देश्य साझा हितों के निम्नलिखित क्षेत्रों में दोनों पक्षों के बीच सहयोग बढ़ाना और उसका विवधीकरण करना है: -
- इमरजेंसी रिस्पांस सिस्टम
- सुरक्षित शहर परियोजनाएं
- हार्डवेयर विनिर्माण
- चिपसेट उत्पादन
सऊदी अरब
- सूचना प्रौद्योगिकी सेवाओं के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने और रियाद में आईसीटी के लिए उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना हेतु सी-डैक और किंग अब्दुल अजीज सिटी के बीच फरवरी, 2010 में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए ।
- सी-डैक और विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी के लिए किंग अब्दुल अजीज शहर (केएसीएसटी) के बीच मुक्त स्रोत पर अनुसंधान करार में फरवरी, 2012 में हस्ताक्षर किए गए ।
- भारत और सऊदी अरब के बीच 10 वीं जेसीएम की बैठक जनवरी, 2014 में आयोजित की गई । डीईआईटीवाई ने बैठक में भाग लेने के लिए अपने अधिकारियों को प्रतिनियुक्त किया जिन्होंने दोनों देशों के बीच संभावित सहयोग पर चर्चा की।
सिंगापुर
- भारत-सिंगापुर व्यापक आर्थिक सहयोग करार (सीईसीए) पर जून 2005 में हस्ताक्षर किए गए । इसका उद्देश्य दोनों देशों के बीच व्यानपार संबंधों में सुधार करना है और इससे शिक्षा, विज्ञान, वायु सेवाओं, मीडिया, ई-कॉमर्स, बौद्धिक संपदा और मानव संसाधन के उन्नत प्रवाह जैसे क्षेत्रों में निवेश के अवसर उत्पन्न होने की उम्मीद है ।
- डीईआईटीवाई की साइबर सुरक्षा, नैनोटेक्नोलॉजी, मोबाइल/क्लाउड कम्प्यूटिंग, उच्च निष्पादन कम्प्यूटिंग, अवधारणा इंजीनियरिंग, वीएलएसआई डिजाइन, 5G वायरलेस नेटवर्किंग और इलेक्ट्रॉनिकह प्रणाली डिजाइन और विनिर्माण जैसे आईसीटी अनुप्रयोग क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देने के साथ ही क्षमता निर्माण और मानव संसाधन विकास के लिए संयुक्त शैक्षणिक कार्यक्रमों के विकास में दिलचस्पी है ।
दक्षिण कोरिया
- आईसीटी के बारे में एक समझौता ज्ञापन पर 5 साल के लिए जनवरी, 2010 में हस्ताक्षर किए गए।
- प्रमाणन प्राधिकार पर सीसीए और केसीएडी के बीच एक समझौता ज्ञापन पर 2014 में हस्ताक्षर किए गए ।
- सॉफ्टवेयर/आईटी के क्षेत्र में एक संयुक्त घोषणा पर 2014 में हस्ताक्षर किए गए ।
- साइबर सुरक्षा पर सर्ट-इन और केआर-सर्ट के बीच एक समझौता ज्ञापन पर 2014 में हस्ताक्षर किए गए ।
- आईसीटी पर मंत्रालय स्तरीय भारत-कोरिया गणराज्य गोलमेज बैठक माननीय एमसीआईटी और महामहिम श्री मुन-की चोई, विज्ञान, सूचना और संचार प्रौद्योगिकी और फ्यूचर प्लानिंग मंत्रालय(एमएसआईपी) के बीच डीईआईटीवाई में आयोजित की गई।
- साइबर सुरक्षा पर एक संयुक्त कार्यशाला सर्ट-इन और केआईएसए के बीच जनवरी 2014 में आयोजित की गई।
- सीसीए कोरिया और प्रमाणन प्राधिकरण सेंट्रल (केसीएसी) के बीच पीकेआई / डिजिटल हस्ताक्षर को पारस्परिक मान्यता प्रदान करने के लिए एक संयुक्त कार्यशाला जनवरी 2014 में आयोजित की गई।
सेशेल्स
- भारत सरकार द्वारा माहे, विक्टोरिया में आईसीटी पर भारत-सेशेल्स उत्कृष्टता केन्द्र (आईएससीईआईसीटी) अप्रैल 2011 में स्थापित किया गया । केंद्र सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में क्षमता बढ़ाने के लिए आवश्यकता पूरी करता है।
- अब तक लगभग 400 छात्रों को प्रशिक्षित किया गया है और लगभग इतने ही छात्र वर्तमान में दीर्घकालिक / अल्पावधि अवधि के प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं ।
तंज़ानिया
- भारत सरकार ने दारेसलाम, तंजानिया में संचार और सूचना प्रौद्योगिकी के उत्कृष्टता केंद्र (सीओईआईसीटी) की मई 2011 में स्थापना की है। परियोजना का कार्यान्वयन सी-डैक द्वारा किया गया ।
- केंद्र आईसीटी क्षेत्र में क्षमता विकास की आवश्यकता पूरी कर रहा है और इसमें अपग्रेड किए जा सकने वाला परम सुपर कंप्यूटर लगाया गया है तथा यहां डेटा केंद्र और अत्याधुनिक प्रशिक्षण सुविधा उपलब्ध है। यह केंद्र तंजानिया में विभिन्न स्थानों पर स्थित 10 सामुदायिक सूचना केंद्रों (सीआईसी) से भी वीसैट से जुड़ा हुआ है और नागरिक केंद्रित सेवाओं अर्थात टेलीमेडिसिन, ई-लर्निंग आदि प्रदान करता है।
- तंजानिया की सरकार ने भूमि, भवन, बिजली, पानी और अपेक्षित जनशक्ति जैसी भौतिक अवसंरचना उपलब्ध कराई है। तकनीकी बुनियादी ढांचा, पाठ्यक्रम पाठ्यचर्या और प्रशिक्षण भारतीय पक्ष द्वारा प्रदान किया गया।
- डीईआईटीवाई और ई-शासन एजेंसी, तंजानिया के बीच क्षमता निर्माण, ई-गवर्नेंस और एम-गवर्नेंस पर एक समझौता ज्ञापन पर नई दिल्ली में 28/ 08/2014 को हस्ताक्षर किए गए थे। ।
ताइवान
- भारतीय सॉफ्टवेयर प्रौद्योगिकी पार्क (एसटीपीआई) और ताइवान इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (टीईईएमए) के बीच निम्न विषयों पर सितंबर, 2013 में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए :
- इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिकी और आईसीटी उद्योग के क्षेत्र में भारत और ताइवान के बीच व्यापार संबंधों को बढ़ावा देने के लिए और लगातार दोनों देशों के बीच सहयोग को बेहतर बनाने के लिए प्रयास करना;
- दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ाने के लिए को विकास और अन्य मामलों के बारे में सूचना का लगातार आदान-प्रदान करना और उसे बनाए रखना;
- सदस्यों के बीच प्रौद्योगिकी सहयोग को प्रोत्साहित करना और सुकर बनाना;
- संगठनों के बीच संपर्क की पहचान और स्थापना करना तथा उद्योग संघों और तकनीकी विशेषज्ञों की पारस्परिक यात्राओं को प्रोत्साहित करना।
तुर्कमेनिस्तान
- तुर्कमेनिस्तान में आईसीटी को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार द्वारा अक्टूबर 2011 में अश्गाबात में भारत-तुर्कमेनिस्तान आईटी केंद्र की स्थापना की गई । सी-डैक भारत की ओर से कार्यान्वयन एजेंसी था।
- तुर्कमेनिस्तान सरकार ने जहां एक ओर अपेक्षित जनशक्ति, भौतिक बुनियादी अवसंरचना जैसे भूमि, भवन, बिजली, पानी उपलब्ध कराया है वहीं दूसरी ओर तकनीकी अवसरंचना, पाठ्यक्रम पाठ्यचर्या, प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण भारतीय पक्ष द्वारा प्रदान किए गए।
- केंद्र आईटी क्षेत्र में मानव संसाधन विकास कार्यकलापों की आवश्यकताओं को पूरा करता है। इस केंद्र में डाटा सेंटर, कंप्यूटर लैब्स, सर्वर युक्त प्रयोगशालाएं, क्लास रूम और वीडियो कान्फ्रेंसिंग की सुविधा उपलब्ध हैं जो भारत के साथ आईसीटी में विशेषज्ञ अध्यापन कार्यक्रमों के आयोजन में सहायक हैं।
संयुक्त राष्ट्र अमेरिका
- भारत-अमेरिका आईसीटी कार्य समूह (वर्किंग) की द्विवार्षिक बैठक नियमित रूप से आयोजित की जाती है। वर्ष 2006 से नौ बैठकें आयोजित की गई है। पिछली बैठक नई दिल्ली में नवंबर, 2012 में आयोजित की गई ।
- कार्य समूह, सूचना प्रौद्योगिकी, दूरसंचार और मीडिया तथा ब्रॉडकास्टिंग से संबंधित मुद्दों के संबंध में कार्रवाई करता है। बैठक महत्वपूर्ण बाजार और विनियामक मुद्दों पर चर्चा करने के लिए अनुकूल वातावरण उपलब्ध कराने के साथ-साथ भारत और अमेरिका के बीच बेहतर सहयोग की संभावनाओं का पता लगाने का अवसर प्रदान करती है। भारत-अमेरिका आईसीटी द्विपक्षीय वार्ता दोनों देशों के बीच बेहतर व्यापार, निवेश और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के लिए प्रमुख बाधाओं और चुनौतियों का समाधान करने हेतु एक प्रभावी और नवाचारी तंत्र सिद्ध हुआ है।
- जेडब्ल्यूजी बैठकों के साथ साथ भारतीय और अमेरिका के निजी क्षेत्र संयुक्त रूप से संपन्नता के साझा लक्ष्य को प्राप्त करते हैं। इसके लिए व्यापार बढ़ाने हेतु बाधाओं को दूर करने के साथ-साथ ऐसे नियामक ढांचों के विकास पर जोर दिया जाता है जो वृद्धि और नवोद्भव, सुरक्षा बढ़ाने तथा निष्पक्षता और पारदर्शिता को सुदृढ़ करने में सहायक हैं। दोनों पक्ष निष्पक्ष, सुरक्षित और पर्यावरण की दृष्टि से सुरक्षित निवेश और व्यापार को सुकर बनाने के लिए संबंधित सरकारों और निजी क्षेत्र के साथ सहयोगात्मक रूप से कार्य करने के लिए अवसरों की तलाश कर रहे हैं।
- द्विपक्षीय इलेक्ट्रॉनिक्स हार्डवेयर विनिर्माण वार्ता, ई-गवर्नेंस और गोपनीयता और ऑनलाइन बच्चों की सुरक्षा पर भारत और अमेरिका के बीच तीन उप समूह गठित किए गए हैं।
- वर्ष 2012 में गोपनीयता और बच्चों की ऑनलाइन सुरक्षा, क्लाउड कम्प्यूटिंग और इलेक्ट्रॉनिक हार्डवेयर विनिर्माण क्षेत्रों पर बैठको का आयोजन किया गया।
- जून 2012 में वाशिंगटन डीसी में आयोजित की गई जेडब्ल्यूजी बैठक में डीईआईटीवाई और एनएसएफ, यूएसए के बीच यूबीक्यूअस कंप्यूटिंग और वायरलेस सेंसर नेटवर्क क्षेत्र में पांच भारत-यूएस संयुक्त अनुसंधान एवं विकास परियोजनाएं शुरू की गईं। भारत अपने प्रतिभागी संस्थानों के लिए 7.02 करोड़ रुपए का अंशदान कर रहा है और यूएसए द्वारा 1.5 मिलियन यूएस डॉलर का योगदान दिया जा रहा है।
- साइबर सुरक्षा के लिए जवाबदेह अपनी संगत सरकारों के संगठनों के बीच निकटतम सहयोग बढ़ाने और सूचना के समय पर आदान-प्रदान के लिए सर्ट-इन और यूएस-सर्ट के बीच 19 जुलाई, 2011 को एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
- समझौता ज्ञापन के अंतर्गत इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग (डीईआईटीवाई) के अधीन इंडियन कंप्यूटर इमर्जेंसी रिस्पांस टीम (सर्ट-इन) और डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी (डीएचएस) के अंतर्गत यूनाइटेड स्टेट कंप्यूटर इमर्जेंसी रेडिनेस टीम (यूएस सर्ट) के जरिए दोनों सरकारों के बीच महत्वपूर्ण साइबर सुरक्षा सूचना और विशेषज्ञता के आदान-प्रदान के लिए सर्वोत्तम पद्धतियां स्थापित की गई हैं। वर्ष 2011 से सर्ट-इन और यूएस-सर्ट के बीच साइबर सुरक्षा से संबंधित मुद्दों पर नियमित रूप से सूचना का आदान-प्रदान और चर्चा की जा रही है। वीडियो टेलीकांफ्रेंस मीटिंग (वीटीसी) हर माह आयोजित की जाती है, जिसमें दोनों सर्ट भाग लेते हैं। वीटीसी के दौरान सुभेद्यताओं, सुरक्षा घटनाओं, सलाह, सर्वोत्तम पद्धतियों और घटनाओं के समाधान संबंधी अनुभव का दोनों सर्ट के बीच आदान-प्रदान किया जाता है।
- नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्टैंडर्ड एंड टेक्नोलॉजी (एनआईएसटी), यूनाइटेड स्टेट डिपार्टमेंट ऑफ कॉमर्स द्वारा सितंबर 2014 में मानकों और नियामक प्रक्रियाओं पर एक कार्यशाला आयोजित की गई, जिसमें 15 वरिष्ठ सरकारी और निजी क्षेत्र के अधिकारियों ने भाग लिया। कार्यशाला का उद्देश्य मानकों के क्षेत्र में यूएस और भारत के बीच सहयोग बढ़ाने और सहयोग के लिए अद्वितीय अवसर प्रदान करना था।
उज़्बेकिस्तान
- ताशकंद, उजबेकिस्तान में सूचना प्रौद्योगिकी के लिए जवाहर लाल नेहरू भारत उजबेकिस्तान केंद्र, (जेएनआईयूसीआईटी) की स्थापना की गई है और इसने अप्रैल, 2006 से प्रचालन शुरू कर दिया है। सी-डैक को भारत की ओर से कार्यान्वयन एजेंसी नियुक्त किया गया है। भारत सरकार की सहायता से इस केंद्र को 2012-14 में उन्नत बनाया गया।
- आईटी पर भारत-उज़्बेक संयुक्त कार्य समूह की पहली बैठक जनवरी, 2011 में नई दिल्ली में आयोजित की गई। कार्य समूह ने दोनों देशों के बीच आईटी क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ाने के लिए विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श किया।
- सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग के लिए भारत गणराज्य के संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और उजबेकिस्तान की संचार और सूचना प्रौद्योगिकीएजेंसी के बीच एक समझौता ज्ञापन पर नई दिल्ली में 18 मई 2011 को हस्ताक्षर किए गए ।
- जवाहर लाल नेहरू केंद्र को 2013-14 में उन्नत किया गया है।
वियतनाम
- आईसीटी के क्षेत्र में उन्न्त अनुसंधान केंद्र (एआरसी) की स्थापना के लिए एक समझौता ज्ञापन पर नवम्बर, 2003 में हस्ताक्षर किए गए ।
- परियोजना, का क्रियान्वयन और उद्घाटन सितंबर 2011 में किया गया है।
- एमसीआईटी और सूचना और संचार प्रौद्योगिकी मंत्री, वियतनाम के बीच जुलाई 2013 में नई दिल्ली में एक द्विपक्षीय बैठक आयोजित की गई । दोनों नेताओं ने दूरसंचार, आईटी और डाक क्षेत्र से एक सदस्य को शामिल करते हुए एक संयुक्त कार्यदल बनाने का निर्णय लिया।
- भारत सरकार की 10 करोड़ रुपये की अनुदान सहायता के साथ, डीईआईटीवाई ने सीडैक के जरिए लघु अवधि और लंबी अवधि के पाठ्यक्रमों की पेशकश के द्वारा सॉफ्टवेयर उद्योग को बढ़ावा देने के लिए वियतनाम में मानव संसाधन विकास के क्षेत्र में सहायता प्रदान की है।
- डीईआईटीवाई ने सी-डैक के माध्यम से 9.47 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से हनोई में आईसीटी पर भारत वियतनाम उन्नत संसाधन केन्द्र (एआरसी-आईसीटी) की स्थापना विषयक परियेाजना का भी कार्यान्वयन किया है ।
- हस्ट में भारत-वियतनाम उच्च निष्पादन कम्प्यूटिंग (एचपीसी) सुविधा की स्थापना के लिए सी-डैक और विदेश मंत्रालय के बीच एक समझौते पर मई, 2012 में हस्ताक्षर किए गए।