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स्मार्ट कार्ड

Smart Cardsआप कभी दिल्ली मेट्रो से गए हैं? वहां आप टिकट खरीदने के लिए लंबी कतारों में लगने से बचने के लिए संभावित रूप से सहज यात्रा करने के लिए स्मार्ट कार्ड का चयन करते हैं। या फिर आप टोल रोड़ पर यात्रा का अन्य उदाहरण भी ले सकते हैं जहां आप टोल का भुगतान करने के लिए रूकते हैं। जिस पल से आप कोटेक्ट लेस स्मार्ट कार्ड (सीएससी) या स्मार्ट टैग करना पसंद करेंगे, उसी पल से आपकी जिंदगी अचानक से तीव्र लेन पर आसान हो जाती है। स्मार्ट टैग वाले मोटर यात्रियों को लेन-देन की प्रक्रिया करने के न्यूनतम समय के साथ टोल प्लाजा से बिना रोक यात्रा करने की अनुमति दी गई है।

स्मार्ट कार्ड, आकार और आकृति में आपके सामान्य क्रेडिट कार्ड जैसा ही होता है, लेकिन अंदर से यह पूरी तरह अलग होता है। इसके अंदर एक एम्बेडेड माइक्रोप्रोसेसर होता है। चुंबकीय स्ट्रिप प्रौद्योगिकी की तुलना में स्मार्ट कार्ड पर माइक्रोप्रोसेसर अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान करता है। स्मार्ट कार्ड सेटअप में, होस्ट कंप्यूटर और कार्ड रीडर कार्ड पर डेटा तक पहुंच प्रदान करने वाले माइक्रोप्रोसेसर के साथ माइक्रोप्रोसेसर से सार वार्ता करता है। हालांकि स्मार्ट कार्ड एम्बेडेड माइक्रोप्रोसेसर बहुत लोकप्रिय हैं, लेकिन यहां अन्य विविधताएं भी मौजूद हैं। वे मेमोरी कार्ड और कांटेक्टलेस कार्ड हैं।

उद्योग लंबे समय से अपनी अपार क्षमता के लिए पहचाना जाता है, लेकिन इसका व्यापक इस्तेमाल एक अपेक्षाकृत हालिया घटना है। इसका नेतृत्व ऑनलाइन लेनदेन सहित विभिन्न अनुप्रयोगों के लिए बैंकिंग क्षेत्र और स्वास्थ्य बीमा कार्ड जारी करने के लिए नए हेल्थ केयर उद्योग द्वारा किया गया है। सूचना प्रौद्योगिकी (डीआईटी) विभाग के तत्वावधान के तहत स्मार्ट कार्ड प्रौद्योगिकी की अपार क्षमता को दिमाग में रखते हुए इस क्षेत्र में आर एंड डी, उद्योगिक क्रिया और अनुप्रयोगों को बल प्रदान करने के लिए विकास परियोजनाओं को तैयार और शुरू किया गया है। राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र ने परिवहन आवेदन के लिए स्मार्ट कार्ड ऑपरेटिंग सिस्टम या संक्षिप्त में एससीओएसटीए नामक स्मार्ट कार्ड आपरेटिंग सिस्टम मानकों को लागू करने के लिए अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर काम किया है। इसे देश में परिवहन अनुप्रयोगों के लिए एक मानक के रूप में एमओआरटी और एच (सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय) द्वारा भी अपनाया गया है। डीआईटी ने आईआईटी, मुंबई और आईडीआरबीटी, हैदराबाद में ‘‘बहु आवेदन स्मार्ट कार्ड आधारित भुगतान प्रणाली’’ पर एक परियोजना का समर्थन किया है। वर्तमान में चल रही अन्य परियोजनाओं में से कुछ में शामिल हैं:

अगली पीढ़ी की बहु आवेदन स्मार्ट कार्ड संचालन प्रणाली

एक परियोजना एससीओएसटीए (बाहरी वेबसाइट जो नई विंडो में खुलती है) के लिए अगली पीढ़ी के बहु आवेदन स्मार्ट कार्ड संचालन प्रणाली के कार्यान्वयन के डिजाइन और विकास के लिए आईआईटी, कानपुर और एससीएल, एस.ए.एस. नगर में अभी कार्यान्वयन के अधीन है। मुख्य रूप से इस परियोजना का उद्देश्य राष्ट्रीय पहचान पत्र और माइक्रो ई-पर्स परियालनाओं की तरह बहु आवेदानों को सेवित करने के लिए कांटेक्टलेस इंटरफेस, पीकेआई और अन्य आवश्यकताओं को शामिल करने के लिए एससीओएसटीए के निर्दिष्टीकरण, संदर्भित कार्यान्वयन, अनुपालन टेस्ट किट की और अन्य संबंधित उपकरणों की वृद्धि है। कांटेक्टलेस इंटरफेस और पीकेआई संवर्द्धन पहले से ही विकसित किया जा चुका है और इसका अनुप्रयोग परिवेश में परीक्षण भी किया जा रहा है। परियोजना लगभग पूरा होने की कगार पर है।

 

स्मार्ट कार्ड रीडर और टर्मिनल मानक

स्मार्ट कार्ड रीडर और आईआईटी, कानपूर में विकसित किए जा रहे टर्मिनल मानकों का मुख्य उद्देश्य एससीओएसटीए ;बाहरी वेबसाइट जो नई विंडो में खुलती हैद्ध कार्ड डेफिनेशन के साथ निरंतरता स्थापित करना और एससीओएसटीए ;बाहरी वेबसाइट जो नई विंडो में खुलती हैद्ध आधारित अनुप्रयोगों को समर्थन करने के लिए प्रोग्रामिंग की मानक विधियों सहित हार्डवेयर स्मार्ट कार्ड टर्मिनल और ऑपरेटिंग सिस्टम के लिए स्मार्ट कार्ड और रीडर विनिर्देशो को विकसित करना। के लिए कर रहे हैं, ेनचचवतजैब्व्ैज्। (एक नई विंडो में खुलने वाली वेबसाइट) आधारित अनुप्रयोगों के लिए प्रोग्रामिंग की मानकीकृत तरीके भी शामिल है। विनिर्देशों को पहले ही परिभाषित कर दिया गया है और टर्मिनल और रीडर संदर्भ कार्यान्वयन को विकसित किया गया है। टर्मिनल और रीडर को अब उपयोगकर्ता तत्परता नापने के लिए अनुप्रयोग परिवेश में परीक्षित किया जाएगा।

 

अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें :

श्री अशोक के. शर्मा

वैज्ञानिकजीऔर विभागाध्यक्ष

टेलीफोनः +91-11 2436 4753

-मेलः ashoks[at]deity[dot]gov[dot]in