Left Navigation

उच्च निष्पादन कम्प्यूटिंग (एचपीसी)

उच्च निष्पादन कंप्यूटिंग आमतौर पर कंप्यूटिंग शक्ति को इस तरह से एकत्रित करने की प्रक्रिया को संदर्भित करता है जो विज्ञान, इंजीनियरिंग या व्यवसाय में बड़ी समस्याओं को हल करने के लिए एक विशिष्ट डेस्कटॉप कंप्यूटर या वर्कस्टेशन से कहीं अच्छा प्रदर्शन करती है। इस उद्देश्य के अनुसरण में, "राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन (एनएसएम): क्षमता और सामर्थ्य निर्माण", भारत सरकार द्वारा अप्रैल 2015 में शुरू किया गया है।

राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन

राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन (एनएसएम) को इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) और विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी), भारत सरकार द्वारा संयुक्त रूप से कार्यान्वित किया जा रहा है । मिशन के मुख्य उद्देश्य हैंः

  • भारत को एचपीसी में विश्व में अग्रणी बनाना और राष्ट्रीय और वैश्विक प्रासंगिकता की बड़ी चुनौती समस्याओं को हल करने में राष्ट्रीय क्षमता को बढ़ाना
  • संबंधित क्षेत्रों में अपने अत्याधुनिक अनुसंधान के लिए अत्याधुनिक कम्प्यूटिंग सुविधाओं के साथ वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं को सशक्त बनाना,
  • पुनरावृत्ति को कम करना और प्रयासों और निवेश के दोहराव से बचना
  • भारत को सुपरकंप्यूटिंग के लिए एक प्रमुख शक्ति के रूप में स्थापित करने और एचपीसी में वैश्विक प्रतिस्पर्धा और आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के लिए एक पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना।

सीडैक पुणे में एक राष्ट्रीय एआई सुविधा सहित शैक्षिक और अनुसंधान संस्थानों में देश भर में सुपरकंप्यूटिंग क्षमता का सृजन किया जा रहा है। इनमें से कुछ प्रणालियों को स्वदेशी रूप से डिजाइन किए गए सुपर कंप्यूटर उप-प्रणालियों के साथ नियोजित किया जा रहा है और ये देश भर के कई संस्थानों में काम कर रहे हैं। अनुसंधान और विकास के तहत सुपर कंप्यूटर बेसिक बिल्डिंग ब्लॉक्स (रुद्र सर्वर नोड, त्रिनेत्र इंटरकनेक्ट स्विच, सिस्टम सॉफ्टवेयर स्टैक) को स्वदेशी रूप से विकसित, परीक्षण और प्रदर्शित किया गया है। आर्म आर्किटेक्चर पर आधारित स्वदेशी एचपीसी प्रोसेसर का विकास प्रगति पर है। राष्ट्रीय आवश्यकता के लिए अनुप्रयोग विकास विभिन्न क्षेत्रों में कंसोर्टियम मोड में प्रगति पर है और विकास के विभिन्न चरणों के तहत है। इन क्षेत्रों में शहरी मॉडलिंग, बाढ़ का पूर्वानुमान, भूकंपीय इमेजिंग, जीनोमिक्स एवं ड्रग डिस्कवरी और मैटेरियल साइंस शामिल हैं। यूजी और पीजी स्तरों पर अल्पकालिक, दीर्घकालिक और औपचारिक शैक्षिक पाठ्यक्रमों के लिए पाठ्यक्रम विकसित किए गए और शिक्षा और उद्योग के सहयोग से एचपीसी के क्षेत्रों में प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जा रहे है।

प्रभाग के प्रमुख क्षेत्र निम्न प्रकार से हैं –

  • राष्ट्रीय और वैश्विक प्रासंगिकता की बड़ी चुनौती समस्याओं को हल करने में राष्ट्रीय क्षमता बढ़ाने के लिए एचपीसी को बढ़ावा देना।
  • एचपीसी के क्षेत्र में अनुसंधान एवं विकास और मानव संसाधन विकास को बढ़ावा देना।

    https://www.meity.gov.in/content/competence-building

क्षमता निर्माण

https://www.meity.gov.in/content/high-performance-computing-projects

  • सी-डैक पुणे में राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन (एनएसएम) के तहत स्थापित उच्च-प्रदर्शन कम्प्यूटिंग-आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एचपीसी-एआई) सुपरकंप्यूटर परम सिद्धि ने 16 नवंबर 2020 को जारी की गई दुनिया की शीर्ष 500 सबसे शक्तिशाली गैर-वितरित कंप्यूटर प्रणालियों में 63 की वैश्विक रैंकिंग हासिल की है। सुपरकंप्यूटर में 210 एआई फ्लॉप, 5.267 पेटाफ्लॉप्स और 4.6 पेटाफ्लॉप्स आरमैक्स (निरंतर) हैं।
  • सुपरकंप्यूटिंग में प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए स्नातक और स्नातकोत्तर स्तरों पर अल्पकालिक, दीर्घकालिक पाठ्यक्रमों और औपचारिक शैक्षिक पाठ्यक्रमों के लिए पाठ्यक्रम पाठयचर्या विकसित किए गए हैं। यह समानांतर प्रोग्रामिंग कौशल में प्रशिक्षण सहित एचपीसी के विभिन्न पहलुओं में शिक्षाविदों और उद्योग के सहयोग के माध्यम से किया जा रहा है।

उच्च निष्पादन कम्प्यूटिंग परियोजनाएं

1. भारत की नदी घाटियों के लिए पूर्व चेतावनी और बाढ़ का पूर्वानुमान- सीडैक, सीडब्ल्यूसी

2. तेल और गैस अन्वेषण में सहायता के लिए भूकंपीय इमेजिंग के लिए एक एचपीसी सॉफ्टवेयर सूट- सीडैक, ओएनजीसी, एनजीआरआई, आईआईटीआर

3. एनएसएम शहरी मॉडलिंग परियोजना-सीडैक , सीपीसीबी

4. जीनोमिक्स और ड्रग डिस्कवरी के लिए एनएसएम प्लेटफॉर्म (एनपीजीडीडी)-सीडैक , आईआईएससी बी, एनआईआई दिल्ली, आईआईटी दिल्ली, एनसीबीएस बैंगलोर, एनआईबीजीएम , आयुष मंत्रालय

5. सामग्री और कम्प्यूटेशनल रसायनशास्त्र -सीडैक, आईआईटीके, आईएसीएस कोलकाता, आईआईएसईआर भोपाल, एसपीपीयू पुणे,

6. डीसीएलसी आधारित प्रणाली का डिजाइन और विकास-सीडैक, सीमेट, आईआईटीबी

7.एमपीपी लैब परियोजना , सीडैक , सीडॉट,आईआईएससी । https://www.meity.gov.in/content/major-research-output-1

प्रमुख अनुसंधान आउटपुट

    एचपीसी प्रभाग द्वारा सहायता प्राप्त परियोजनाएं

  • सी-डैक पुणे में एक राष्ट्रीय एआई सुविधा सहित शैक्षणिक और अनुसंधान संस्थानों में 18 सुपरकंप्यूटिंग प्रणालियों के साथ 24 पीएफ (पेटा-फ्लॉप्स) की कुल गणना क्षमता तैयार की गई है। स्वदेशी रूप से डिजाइन किए गए रुद्रा सर्वर नोड के साथ 9 संस्थानों में अन्य 40 पीएफ गणना क्षमता को नियोजित किया जाएगा। 64 + पीएफ की कुल क्षमता, देशभर के 100 से अधिक संस्थानों को सेवा प्रदान करेगी।
  • सी-डैक द्वारा रुद्र क्लस्टर के प्रदर्शन के साथ सुपरकंप्यूटिंग बेसिक बिल्डिंग ब्लॉक्स (इंटेल प्रोसेसरों, त्रिनेत्र -इंटरकनेक्ट स्विच, सिस्टम सॉफ्टवेयर स्टैक पर आधारित रुद्र-कम्प्यूट नोड) को स्वदेशी रूप से विकसित किया गया है। आर्म आर्किटेक्चर पर आधारित स्वदेशी एचपीसी प्रोसेसर का विकास कार्य शुरू कर दिया गया है।
  • माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 19 फरवरी, 2019 को आईआईटी-बीएचयू में राष्ट्रीय सुपर कम्प्यूटिंग मिशन के तहत 833 टेराफ्लॉप क्षमता के 'परम शिवाय' सुपरकंप्यूटर का उद्घाटन किया।