1.0 पृष्ठभूमि
पिछले कुछ वर्षों के दौरान सूचना प्रौद्योगिकी ने वैश्विक अर्थव्यवस्था का कायाकल्प कर दिया है और लोगों तथा बाजारों को आपस में इस ढंग से जोड़ा है जिसकी कभी कल्पना नहीं की गई थी। सूचना प्रौद्योगिकी के लाभों को केंद्रविंदु के रूप में मानते हुए विश्व भर के राष्ट्र आर्थिक विकास और समावेशी वृद्धि के लिए नवोन्मेषी विचारों के साथ प्रयोग कर रहे हैं। इसके फलस्वरूप नई सुभेद्यताएं और विनाश के अवसर भी बढ़े हैं। साइबर सुरक्षा खतरे विभिन्न प्रकार के स्रोतों से उत्पन्न हुए हैं और ऐसे बहुत से विनाशकारी कार्यकलापों को जन्म दे रहे हैं, जिनके तहत व्यक्ति विशेष, कारोबार, राष्ट्रीय अवसरंचना के साथ-साथ सरकारों को भी निशाना बनाया जा रहा है। उनके प्रभाव से जनता की सुरक्षा, राष्ट्र की सुरक्षा और संपूर्ण रूप से वैश्विक स्तर पर आपस में जुड़ी अर्थव्यवस्था की स्थिरता के लिए खतरा है। इस प्रकार के खतरों कें स्रोत का पता लगाना, ऐसे खतरे पैदा करने और खतरों के लिए प्रेरित करने वालों की पहचान करना कठिन हो सकता है क्योंकि ऐसे कार्य वास्तविक रूप से कहीं भी किए जा सकते हैं। सूचना प्रौद्योगिकी की ये विशेषताएं ऐसे जघन्य अपराधों और कार्यों को भी सुकर बनाती हैं। इस प्रकार साइबर सुरक्षा खतरे सर्वाधिक गंभीर आर्थिक और राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौतियां पैदा करते हैं।