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सिविल धारा

करें-

  • विवरण तैयार करते समय गणना को आकृति से प्रदर्शित करें।
  • अनुमानों तैयार करते समय बाजार के आधार पर दर निकालें।
  • दरों के पुराने शेड्यूल पर विचार करें औऱ बाजार की हालत के अनुसार पर्याप्त प्रीमियम पर विचार करें।
  • अनुबंध की विभिन्न स्थितियों का उल्लेख सामान्य हालत, तकनीकी विनिर्देश, विशेष परिस्थितियों के रूप में करें।
  • कर, बोली में सभी प्रकार के शुल्कों सहित सभी वाणिज्यिक खंड का उल्लेख करें।
  • बोली में शामिल संदर्भ के लिए प्रासंगिक कोड का उल्लेख करें।
  • अनुमोदित दिशा निर्देशों के अनुसार निविदा की उपयुक्त विधि को अपनायें।
  • सूचना आमंत्रित निविदा (एनआईटी) में स्पष्ट रूप से आवश्यकता योग्यता का उल्लेख करें।
  • स्पष्ट रूप से निविदा दस्तावेज की बिक्री की अवधि का उल्लेख करें और एनआईटी में पर्याप्त बिक्री अवधि लिखें।
  • प्रतिक्रिया अपर्याप्त है, तो निविदा दस्तावेज की बिक्री की तारीख बढाये और बढी हुई अवधि के बारे में सबको जानकारी दें।

न करें-

  • पर्याप्त जानकारी के बिना अस्पष्ट अनुमान मत बनाएं।
  • अनुमानों की तैयारी से पहले कार्यों की दरें मत तय करें।
  • परस्पर विरोधी या गलत शर्तों, तकनीकी विशिष्टताओं आदि का उल्लेख न करें, ये बोली दस्तावेज में विवाद, पक्षपात के आरोप और जटिलता पैदा कर सकते हैं।
  • ऐसी वस्तुओं या काम में शामिल न हो जो आपके कार्य के दायरे में न हो।
  • आवश्यक योग्यता मापदंड अस्पष्ट न रखें।
  • निविदा दस्तावेज जारी करते समय योग्यता मानदंड को आसान न रखें।
  • तारीख बीत जाने के बाद प्राप्त बोलियों को स्वीकार न करें। लेकिन कभी-कभी पर्याप्त प्रतिक्रिया प्राप्त नहीं होती है, तो स्वीकार किया जा सकता है, विलंब से बोलियां सक्षम प्राधिकारी के अनुमोदन से लें।
  • बयाना बिना बोलियों को स्वीकार न करें।
  • जाँच के बिना खुली निविदाएं जारी न करे, निविदा की पेशकश करने वाले व्यक्ति की ठीक से जाच करें।

करें-

  • निविदाएं प्रस्तुत करने की तारीख और समय का उल्लेख एनआईटी में स्पष्ट रूप से करें।
  • समिति और प्रतिनिधियों की उपस्थिति में निविदा खोलें।
  • प्रत्येक दर का घेरा बनाये और नाम का पहला अक्षर डालें।
  • जहाँ भी ओवर राईटींग हो उल्लेख करें।
  • आंकड़े और शब्दों में उद्धृत दरों के बीच विसंगति है तो शब्दों में उद्धृत दरों पर विचार करें।
  • स्पष्ट रूप से तुलनात्मक बयानों में तकनीकी/ व्यावसायिक शर्तों का उल्लेख करें।
  • बाजार दरों के साथ कीमत की तुलना करें।
  • असामान्य रूप से उच्च और निम्न मूल्यांकन वस्तुओं की पहचान करें।
  • केवल सबसे कम बोली लगाने वाले व्यक्ति से बातचीत करें।
  • साइट शर्तों के अनुसार ड्राइंग/ विवरण तैयार करें।
  • अतिरिक्त कार्यों के किसी भी विचलन/प्रतिस्थापन के मामले में उच्च अधिकारियों की समवर्ती मंजूरी लेने में गौर करें।

न करें-

  • बोली के दौरान किसी भी अनधिकृत व्यक्ति को न आने दें।
  • असफल बोलीदाताओं की धरोहर राशि जमा (ईएमडी) वापस करने के लिए अनुबंध न करें।
  • उच्च मूल्यांकन वस्तुओं की मात्रा बहुत ज्यादा न बढ़ाएं इस प्रकार की वृद्धि के लिए तकनीकी विचार की आवश्यकता है।
  • वैध कारण के बिना बिक्री अवधि का विस्तार न करें।
  • अस्पष्ट प्रावधानों का लाभ यह है कि जनता के पैसे का दुरुपयोग नहीं किया जा सकता, इसलिए ब्याज अग्रिम के लिए शर्त सुनिश्चित करें जो नीति के अनुसार होना चाहिए।
  • जब अनुबंध के निष्पादन का कार्य शुरू हो चुका हो और ठेकेदार को अग्रिम भुगतान किया जा चुका है तो,
  • सुरक्षित अग्रिम के रूप में अनुबंध के पूरा होने से पहले सामग्री की किसी भी अतिरिक्त मात्रा के लिए अग्रिम भुगतान किया जा सकता है।
  • निविदा को अंतिम रूप देने के बाद गोपनीयता बनाए रखना चाहिए। केंद्रीय सतर्कता आयोग अपने सभी नियमित प्रकाशन का विवरण नोटिस बोर्ड पर प्रकाशित निविदाओं के बारे में या एक कर्मचारी के पक्ष में प्रयोग अवधि के आवंटन मामलों का ब्यौरा चाहता है।

करें-

  • गुणवत्ता योजना के अनुसार सामग्री की उचित गुणवत्ता का परीक्षण करें।
  • हर बिल में सीमेंट / इस्पात की मात्रा सुनिश्चित करें।
  • दैनिक निर्देश रिकॉर्ड करने के लिए साइट ऑर्डर बुक बनाए।
  • वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा कार्यों की गुणवत्ता की आकस्मिक जांच की जानी चाहिए।
  • किसी भी विचलन के कारण, विवरण और राशि देकर मापन बुक (एमबी) में प्रतिधारण मेंशन करना चाहिए।
  • सख्ती से अनुबंध के प्रावधान के अनुसार अतिरिक्त/एवजी का विश्लेषण करें।
  • उच्च मूल्यांकन वस्तुओं की मात्रा पर सतर्क रहें।
  • एमबी में कार्य निष्पादन के स्थान का उल्लेख करें।
  • साइट से घटिया सामग्री को हटाना सुनिश्चित करें।
  • खराब उपयोगी सामग्री का रिकॉर्ड बनाए रखें।
  • अनुबंध के दायरे से परे सामग्री जारी करने से बचें।

न करें-

  • अनुबंध के दायरे से परे अग्रिम भुगतान अनुदान न करें।
  • अनुमोदन के बिना अपने स्तर पर विनिर्देश/तकनीकी विनिर्देश न बदलें।
  • निर्णय देने में देरी न करें, इससे परियोजना में देरी हो सकती है।
  • ड्राइंग के जारी करने में देरी न करें।
  • सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के विषय में सरकार की क्रय वरीयता नीति को छोड़ दें, एल -1 को छोड़कर निविदा बातचीत का पालन न करें (यानी न्यूनतम निविदा)।
  • सीवीसी के मुख्य तकनीकी परीक्षक (सीटीई) को काम की प्रगति के बारे में समय-समय पर रिपोर्ट भेजना मत भूलें। सिविल कार्य के लिए एक करोड़, विद्युत कार्यों के लिए 15 लाख और बागवानी के लिए 2 लाख रु. स्वीकार किए जाते हैं। अगर किसी मामले में इस मौद्रिक सीमा से भी कम में काम किया जाता है, तो दो सबसे बड़े कार्यों के बारे में रिपोर्ट भेजें।