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वैश्विक सूचकांकों के तहत ई-सरकार विकास सूचकांक (ईजीडीआई)

संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक कार्य विभाग (यूएन डीईएसए) 2001 से ईजीडीआई और सर्वेक्षण रिपोर्ट प्रकाशित कर रहा है। पिछले दस संस्करणों में इसने स्वंय को ई-सरकार पर एक प्रमुख बेंचमार्किंग संदर्भ और निर्णय निर्माता के लिए एक नीति उपकरण दोनों के ही रूप में स्थापित किया है ।

सर्वेक्षण एकमात्र वैश्विक रिपोर्ट है जो संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य देशों की ई-सरकार विकास स्थिति का आकलन करती है। मूल्यांकन एक दूसरे के सापेक्ष देशों के ई-सरकार के निष्पादन को व्यवस्थित करती है, जैसा कि एक पूर्ण व्यवस्था होने के विपरीत है। यह मानता है कि प्रत्येक देश को अपनी राष्ट्रीय विकास प्राथमिकताओं और एसडीजी को प्राप्त करने के लिए अपनी ई-सरकार पहलों के स्तर और सीमा पर निर्णय लेना चाहिए। सर्वेक्षण मुख्य रूप से नीति निर्माताओं, सरकारी अधिकारियों, शिक्षाविदों, सीविल सोसाईटी, निजी क्षेत्र और अन्य चिकित्सकों और सतत विकास, लोक प्रशासन, डिजिटल सरकार और विकास के लिए आईसीटी के क्षेत्रों में विशेषज्ञों के लिए है ।

ईजीडीआई देशों द्वारा एक-दूसरे से सीखने, ई-सरकार में सामर्थ्य और चुनौतियों सम्बंधी क्षेत्रों की पहचान करने और इस क्षेत्र में उनकी नीतियों और रणनीतियों को उचित स्थिति देने के लिए एक बेंचमार्किंग और विकास उपकरण के रूप में कार्य करता है।

गणितानुसार, ई-सरकार विकास सूचकांक (ईजीडीआई) ई-सरकार के तीन सबसे महत्वपूर्ण आयामों पर सामान्यीकृत अंकों का भारित औसत है, अर्थात्:

  • ऑनलाइन सेवा सूचकांक (ओएसआई) के रूप में ऑनलाइन सेवाओं का दायरा और गुणवत्ता
  • दूरसंचार अवसंरचना या दूरसंचार अवसंरचना सूचकांक (टीआईआई) के विकास की स्थिति
  • अंतर्निहित मानव पूंजी या मानव पूंजी सूचकांक (एचसीआई)

इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ई-सरकार विकास इंडेक्स की निगरानी और देश की रैंकिंग में सुधार के लिए एक नोडल मंत्रालय के रूप में काम कर रहा है।

संयुक्त राष्ट्र सरकार के सर्वेक्षण के अनुसार भारत की रैंक

भाग लेने वाले देशों की संख्या: 193

वर्ष पद ईजीडीआई समग्र स्कोर
2020 100वें 0.5964
2018 96वें 0.5669
2016 107वें 0.4637
2014 118वें 0.3834

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