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यूआईडीएआई

भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) एक सांविधिक प्रा‍धिकरण है, जिसकी स्थापना भारत सरकार द्वारा इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) के अधीन आधार (वित्तीय और अन्य सहायिकियों, हितलाभों और सेवाओं का लक्षित परिदान) अधिनियम, 2016 (“आधार अधिनियम, 2016”[PDF]0 bytes) के उपबंधों के अंतर्गत दिनांक 12 जुलाई, 2016 को की गई। आधार अधिनियम, 2016 को दिनांक 25.07.2019 से आधार एवं अन्य कानून (संशोधन) अधिनियम, 2019 (2019 का 14) के द्वारा संशोधित किया गया है।

एक सांविधिक प्राधिकरण के रूप में स्थापना से पूर्व, यूआईडीएआई तत्कालीन योजना आयोग (वर्तमान में नीति आयोग) के एक संबद्ध कार्यालय के रूप में उनकी दिनांक 28 जनवरी, 2009 की राजपत्र अधिसूचना संख्या: ए-43011/02/2009-एडमिन-1[PDF]0 bytes के तहत कार्य कर रहा था। बाद में, सरकार द्वारा सरकारी कार्य आवंटन नियमों में संशोधन करके 12 सितंबर, 2015 को यूआईडीएआई को तत्कालीन संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग (डीईआईटीवाई) के साथ संबद्ध कर दिया गया।

यूआईडीएआई की स्थापना भारत के सभी निवा‍सियों को “आधार” नामक एक विशिष्ट पहचान संख्या (यूआईडी) प्रदान करने हेतु की गई थी। विशिष्ट पहचान को (क) नकली और फर्जी पहचान को समाप्त करने के लिए सुदृढ़ बनाया जाए, और (ख) जो आसान एवं किफायती तरीके से सत्यापन एवं प्रमाणन करने योग्य हो। पहला यूआईडी नंबर महाराष्ट्र में नंदुरबार के निवासी को 29 सितंबर, 2010 को जारी किया गया। प्राधिकरण द्वारा अभी तक, 124 करोड़ से अधिक भारतीय निवासियों को आधार नंबर प्रदान किए जा चुके हैं।

आधार अधिनियम 2016 के अंतर्गत, यूआईडीएआई आधार जीवन चक्र के सभी चरणों के प्रचालन एवं प्रबंधन, व्यक्तियों को आधार नंबर जारी करने और प्रमाणीकरण निष्पादन तथा पहचान जानकारी और व्यक्तियों के प्रमाणीकरण अभिलेखों की सुरक्षा करने के लिए नीति, प्रक्रिया और प्रणाली विकसित करने सहित आधार नामांकन और प्रमाणीकरण के लिए जिम्मेदार है।

यूआईडीएआई के बारे में अधिक जानकारी के लिए, कृपया वेबसाइट www.uidai.gov.in को देखें।