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देशव्यापी कंप्यूटिंग

Ubiquitous Computingअक्सर कंप्यूटिंग में ‘‘तीसरी लहर’’ या ‘‘तीसरा प्रतिमान’’ कंप्यूटिंग, के रूप में संदर्भित देशव्यापी कम्प्यूटिंग या संक्षिप्त में यूबीकाम कंप्यूटिंग में एक शैली है जो जो हमारे द्वारा कंप्यूटर का इस्तेमाल करने के तरीके और हमारे कम्प्यूटिंग अनुभव को बदल रहा है।

यूबीकाम को समझने के लिए हमें कंप्यूटर की यात्रा को जानना होगा। सबसे पहले यहां बड़े ‘बाॅक्स’ - मेन फ्रेम कंप्यूटर थे। बहुत सारे कर्मचारियों द्वारा सामान्य आवंटन के तहत सिंगल मशीन है, तो यह पर्सनल कंप्यूटर था जिसने हमें देखने का नजरिया दिया। मॉनिटर पर पर्सन स्टार्टिंग के साथ टेबल में डेस्कटॉप सबसे आम दृश्य बन गया। सर्वव्यापक कंप्यूटिंग एक नया बालगेम है।

 

प्रौद्योगिकी ने पृष्ठभूमि को छोड़ दिया, कंप्यूटिंग अरोधक है जबकि यह जरूरत को पूरा करने में उपयोगकर्ता की सहायता में मददगार भी है। यह यूबीकाम की खासियत के बारे में सोचे बिना कंप्यूटर का उपयोग करने जैसा है। देशव्यापी कंप्यूटिंग परियोजनाओं के पीछे डीआईटी का प्रोत्साहन मुख्य रूप से यूबीकाम प्रौद्योगिकी में क्षमता निर्माण की सुविधा देता है। परियोजनाएं सेंसर नेटवर्क, मिडलवेयर, कटेक्स्ट-अवेयर कंप्यूटिंग, ह्यूमन कम्प्यूटर इंटरेक्शन, सेंसर नोड और प्रूफ आफ कंसेप्शन एप्लीकेशन, में विकास को सक्षम करेंगी। सी-डैक (हैदराबाद, चेन्नई और बेंगलूर) आईआईएम कोलकाता, आईआईएससी बेंगलूर, आईआईटी और अमृता विश्वविद्यालय जैसे शैक्षणिक संस्थानों के साथ साथ कार्यक्रमों के लिए मुख्य कार्यान्वयन एजेंसी है। निम्नलिखित परियोजनाओं वर्तमान में चल रही हैं: