पृष्ठभूमि
“जनमानस के लिए आईटी” डीईआईटीवाई की एक योजनागत स्किम है। यह 10वीं पंचवर्षीय येाजना में शुरू की गई, 11वीं पंचवर्षीय योजना में इसे जारी रखा गया और 12वीं पंचवर्षीय योजना में भी जारी है।
12वीं पंचवर्षीय योजना(2012-17) के लिए सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र पर कार्य समूह ने एक प्रमुख क्षेत्र के रूप में ‘ई-समावेशन’ के अंतर्गत 12वीं योजना में इस स्किम को जारी रखने पर विचार किया है और सिफारिश की है।
2013-14 से आगे जनमानस के लिए आईटी कार्यक्रम का विभाग की जनशक्ति विकास योजना के साथ विलय कर दिया जाएगा।
उद्देश्य
आईटी क्षेत्र की समेकित वृद्धि के लिए प्रमुख समूहों और क्षेत्रों हेतु आईसीटी में कार्यकलाप शुरू करना/बढ़ावा देना।
स्रोत: डीईआईटीवाई का परिणाम बजट 2012-13
रणनीति
ई-समावेशन के घटक निम्नानुसार हैं :
- क्षमता निर्माण के लिए आईसीटी का निर्माण
- प्राथमिक रूप से स्कूलों/महाविद्यालयों में आईसीटी अवसंरचना का निर्माण
- चिह्नित किए गए लक्षित समूहों में उद्यमशीलता कौशल का विकास
- इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद, सॉफ्टवेयर टूल और ई-सेवाओं का विकास।
- अन्यथा सक्षम लोगों के लिए आईटी उत्पादों और समाधानों के विकास तथा परिनियोजन हेतु ई-समावेशन केंद्रों की स्थापना ।
- ई-समावेशन प्रयासों की वकालत और अध्ययन संचालित करना।
- भारतीय भाषाओं में सूचना सामग्री तैयार करना।
- स्वास्थ्य, शिक्षा, प्रशिक्षण और शासन जैसे क्षेत्रों में अनुप्रयोग के लिए उपयुक्त प्रणालियों और सॉफ्टवेयरों का विकास जो समेकित विकास को सुकर बनाएंगे।
स्रोत: 12वीं पंचवर्षीय योजना (2012-17) के लिए आईटी क्षेत्र में कार्य समूह की रिपोर्ट
इन लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में निम्नलिखित क्षेत्रों में परियोजना प्रस्ताव शुरू किए गए हैं:
- प्रशिक्षण
- अवसरंचना विकास
- क्षमता निर्माण
लक्षित समूह
- अनुसूचित जाति
- अनुसूचित जनजाति
- लिंग
- अल्पसंख्यक
- अन्यथा सक्षम
- वरिष्ठ नागरिक
स्रोत : 12वीं पंचवर्षीय योजना (2012-17) के लिए आईटी क्षेत्र में कार्य समूह की रिपोर्ट
लक्षित क्षेत्र
वृहद लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में निम्नलिखित क्षेत्रों में परियोजना प्रस्ताव शुरू किए गए हैं :
- पूर्वोत्तर क्षेत्र
- प्रखंड और जिले जिसमें 40% से ज्यादा अनुसूचित जाति/जनजाति की जनसंख्या है
- पिछड़े जिले
स्रोत : 12वीं पंचवर्षीय योजना (2012-17) के लिए आईटी क्षेत्र में कार्य समूह की रिपोर्ट
वर्ष |
जीबीएस अनुमोदित हुआ (बी.र्इ.) |
जीबीएस अनुमोदित हुआ (आर.र्इ.) |
वास्तविक व्यय |
---|---|---|---|
2007-08 से 2011-12 |
55.94 |
58.29 |
43.20 |
वर्ष |
जीबीएस अनुमोदित हुआ (बी.र्इ.) |
जीबीएस अनुमोदित हुआ (आर.र्इ.) |
वास्तविक व्यय |
---|---|---|---|
2012-13 |
16.94 |
7.06 |
7.02 |
नोट: 2013-14 के बाद से , विभाग के जनमानस के लिए आईटी कार्यक्रम को जनशक्ति विकास योजना के साथ मिला दिया जाएगा।
वर्ष |
जारी परियोजनाओं की संख्या |
पूरी हुई परियोजनाओं की संख्या |
लाभार्थियों की संख्या – पूरी हुई परियोजना |
---|---|---|---|
2007-08 से 2011-12 |
22 |
38 |
2,95,468 |
वर्ष |
जारी परियोजनाओं की संख्या |
पूरी हुई परियोजनाओं की संख्या |
लाभार्थियों की संख्या – पूरी हुई परियोजना |
---|---|---|---|
2012-13 |
20 |
43 |
3,05,912 |
परियोजना का कार्यान्वयन निम्नलिखित 25 राज्यों तथा 2 संघ शासित क्षेत्रों में किया गया।
उत्तर प्रदेश, केरल, पश्चिम बंगाल, असम, त्रिपुरा, मिजोरम, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, सिक्किम, मणिपुर, मेघालय, नागालैंड, उड़ीसा, छत्तीसगढ़, गुजरात, झारखंड, बिहार, गोवा, जम्मू और कश्मीर, हरियाणा, महाराष्ट्र, दिल्ली और चंडीगढ़
परियोजना कार्यान्वयन एजेंसी (जारी परियोजनाएं )
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सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस कंप्युटिंग (सी-डैक)
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राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिकी तथा सूचना प्रौद्योगिकी (नाइलिट – पूर्ववर्ती डीओईएसीसी)
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हरियाणा इलेक्ट्रॉनिक डेवलपमेंट कॉपरपोरेशन लिमिटेड (एचएआरटीआरओएन), हरियाणा
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कर्नाटक स्टेट इलेक्ट्रॉनिक डेवलपमेंट कॉपरपोरेशन लिमिटेड (केयोनिक्स), कर्नाटक
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त्रिपुरा स्टेट काउंसिल फॉर साइंस एंड टेक्नोलॉजी, त्रिपुरा
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राज सीओएमपी, राजस्थान
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इंदिरा गांधी नेशनल ट्राइबल विश्वविद्यालय (आईजीएनटीयू), मध्य प्रदेश
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नॉर्थ उड़ीसा विश्वविद्यालय, उड़ीसा