आर्थिक कार्यों पर मंत्रिमंडल समिति (सीसीईए) द्वारा313 करोड़ रूपए के परिव्यय से क्षमता निर्माण योजना 10 जनवरी 2008 को अनुमोदित की गई। योजना में निम्नलिखित की परिकल्पना की गई है:
- राज्य ई-शासन मिशन टीम (एसईएमटी) की स्थापना सहित राज्य स्तरीय रणनीतिक निर्णय करने के लिए संस्थागत ढांचे की स्थापना।
- एमईएमटी और निर्णयकर्ताओं के लिए विशेषज्ञ प्रशिक्षण, अभिमुखीकरण कार्यक्रम, संचालित करना।
- योजना के कार्यान्वयन और समन्वयन के लिए एक केंद्रीय क्षमता निर्माण प्रबंधन सेल की स्थापना।
क्षमता निर्माण की आवश्यकता - सेवा अभिमुखीकरण के संपूर्ण लक्ष्य के साथ एनईजीपी के संचालन संबंधी विभिन्न कार्यों को ध्यान में रखते हुए ज्यादातर राज्य इसके कार्यान्वयन से जुड़े विभिन्न मुद्दों के हल के लिए आवश्यक कार्मिकों और कौशल सेट के संदर्भ में पर्याप्त रूप से सक्षम नहीं हैं। एनईजीपी के लिए अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में, यह सबसे पहली कमी है, जिसे दूर किए जाने की आवश्यकता है और एनईजीपी के कार्यान्वयन संबंधी विजन और उद्देश्यों के समक्ष आनेवाली चुनौतियों से निपटने के लिए भी इसकी आवश्यकता है।
इनमें निम्नलिखित शामिल हैं:
- परियोजना डिजाइन को एनईजीपी सेवा अभिमुखीकरण के अनुरूप संरेखित करना।
- विभिन्न अनुप्रयोगों का मानकीकरण करना और उनमें एकरूपता लाना साथ ही इस योजना के संचालन हेतु संसाधन जुटाना और लचीलापन पैदा करना।
- परिवर्तन प्रबंधन
- सरकारी प्रक्रिया रि इंजीनियरिंग
- लागत का इष्टतमीकरण और संसाधनों का अधिकतम सदुपयोग
- बाह्य संसाधनों का इस्तेमाल
- अन्यत्र अपनायी जा रही उत्कृष्ट प्रक्रियाओं का कार्यान्वयन
- परियोजना और कार्यक्रम निगरानी