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एसएसडीजी

एसएसडीजी

भारत सरकार की राष्‍ट्रीय ई-शासन योजना (एनईजीपी) का उद्देश्‍य सामान्‍य सेवा प्रदायगी आउटलेट के जरिए आम आदमी को उसके आसपास सभी सरकारी सेवाएं मुहैया कराना और आम आदमी की आधारभूत जरूरतों को पूरा करने के लिए वहनीय लागतों पर ऐसी सेवाओं की दक्षता, पारदर्शिता और विश्‍वसनीयता सुनिश्चित करना है। इस विजन को पूरा करने के प्रयोजनों में से सरकार का एक प्रयोजन यह है कि केंद्र, राज्‍यों और स्‍थानीय सरकार की विभिन्‍न विभागों के बीच सहयोग, समन्‍वय और सूचना का एकीकरण किया जाए। सरकारी प्रणालियों को विभिन्‍न भौगोलिक स्थितियों में अलग-अलग प्‍लेटफार्मों और प्रौद्योगिकियों का इस्‍तेमाल करते हुए पारंपरिक प्रणालियों के रूप में वर्गीकृत किया गया है, जो कार्यान्‍वयन और स्‍चचालन की अलग-अलग स्थिति में हैं। इसके फलस्‍वरूप इनके एकीकरण का कार्य अत्‍यंत चुनौतीपूर्ण हो गया है।. राज्‍य ई-शासन सेवा प्रदायगी गेटवे (एसएसडीजी) जो कि एनईजीपी के अंतर्गत एक ई-शासन अवसंरचना का एक महत्‍वपूर्ण घटक है, मानक आधारित मैसेजिंग स्विच के रूप में कार्य करते हुए इस कार्य को सरल बना सकती है और निर्बाध रूप से अंतरप्रचालनीयता तथा डेटा का आदान-प्रदान सुनिश्चित कर सकती है।

विजन

नागरिकों, व्‍यवसाय और सरकार को ऑनलाइन सेवाएं प्रदान करने हेतु विभिन्‍न विभागों के लिए कई ई-शासन अनुप्रयोगों के प्रादुर्भाव से विभागों और सरकार के स्‍तर पर विभिन्‍न बाह्य एजेंसियों के बीच बातचीत को बढ़ाना आवश्‍यक होगा। इसके लिए विभागों को चित्र में दर्शाए अनुसार एक मैश सृजित करना होगा और एक बिंदु से दूसरे बिंदु के बीच संपर्क के लिए कनेक्‍टर/एडेप्‍टर विकसित करने के साथ-साथ विभिन्‍न अनुप्रयोगों के बीच भी ठोस कपलिंग करनी होगी। इसके फलस्‍वरूप संस्‍करण परिवर्तित होने और सरकारी नीतियों तथा व्‍यापार नियमों में परिवर्तन के मामले में अनुप्रयोगों का रख-रखाव करना और उन्‍हें अद्यतन करना कठिन होगा। राज्‍य ई-शासन सेवा प्रदायगी गेटवे (एसएसडीजी) विभिन्‍न विभागों के बीच एक बिंदु से दूसरे बिंदु तक संपर्क को कम करने और एक मानकीकृत इंटरफेसिंग, मैसेजिंग और रुटिंग स्विच प्रदान करने के लिए किया गया एक प्रयास है, जिसके जरिए विभिन्‍न सेवा प्रदाता विभाग, फ्रंट-इंड सेवा अभिगम प्रदाता और बैक-इंड सेवाप्रदाता अपने अनुप्रयोगों और डेटा को अंतर्प्रचालनीय बना सकते हैं। राज्‍य ई-शासन सेवा प्रदायगी गेटवे (एसएसडीजी) का उद्देश्‍य ई-शासन मानकों के एक ढांचे के आधार पर राज्‍यों के स्‍वायत्‍त और विभिन्‍न निकायों के बीच उच्‍च क्रम की अंतरर्प्रचालनीयता का लक्ष्‍य प्राप्‍त करना है।

उद्देश्‍य
एसएसडीजी के उद्देश्‍य निम्‍नानुसार हैं:

  • अंतप्रचालनीयता सुनिश्चित करने के लिए मिडिलवेयर के रूप में गेटवे के साथ ई-शासन अनुप्रयोगों पर आधारित मानक तैयार करने और उन्‍हें समर्थ बनाने में एक उत्‍प्रेरक के रूप में कार्य करना।
  • केंद्र, राज्‍य अथवा स्‍थानीय सरकारों के बीच एकीकरण को समर्थ बनाना, इस प्रकार संयुक्‍त सरकार के रूप में एकीकृत सेवा प्रदायगी और सेवा उन्‍मुख आर्किटेक्‍चर (एसओए) को समर्थ बनाना।
  • अन्‍य प्रौद्योगिकी प्‍लेटफार्मों और कार्यान्वित सॉफ्टवेयर के साथ आसानी से एकीकरण के द्वारा सॉफ्टवेयर और हार्डवयेर में किए गए पारंपरिक निवेश की रक्षा करना।
  • बैक एंड विभागों/सेवाप्रदाताओं (एसपी) को फ्रंट एंड सेवा अभिगम प्रदाताओं से डिलिंक करना, इस प्रकार सेवा के कार्यान्‍वयन से सेवा अभिगम की चिंताओं को अलग करना सुनिश्चित करना अर्थात पोर्टल, सीएससी, कियोस्‍क आदि को सरकारी सेवाओं से अलग करना, जो बैक एंड वि‍भागों द्वारा प्रदान की जाती है।
  • विभिन्‍न स्‍तरों की जटिलता, लागत और सेवा गुणवत्‍ता स्‍तरों के साथ सेवा प्रदान करने के लिए स्‍वतंत्र सेवा अभिगम प्रदाताओं को अनुमति प्रदान कर फ्रंट इंड पर प्रतिस्‍पर्धा को प्रोत्‍साहित करना।
  • गेटवे की महत्‍वपूर्ण प्रकार्यात्‍मकता को प्रभावित किए बिना गेटवे की विशिष्‍ट सामान्‍य सेवाओं के रूप में आवश्‍यक होने पर महत्‍वपूर्ण सेवाओं को साझा सेवाओं के साथ जोड़ा जा सकता है, इस प्रकार लचीलापन और मॉडुलेरिटी प्रदान की जा सकती है।
  • बैक एंड सेवाओं को तैयार हो जाने पर अवसंरचना के साथ जोड़ने के लिए प्रोत्‍साहित करना।
  • सेवा फ्रेमवर्क को औचित्‍यपूर्ण बनाकर, वितरण और अधिकतम इस्‍तेमाल द्वारा ई-शासन परियोजनाओं की लागत को घटाना।
  • सुरक्षित लेन-देनों के लिए पीकेआई अवसंरचना का निर्माण करना। वि‍भागीय डेटा की गोपनीयता सुनिश्चित करने के लिए डिपार्टमेंट पेलोड के इंस्‍क्रिप्‍शन के लिए प्रावधान मौजूद हैं। गेटवे पहचान, अधिप्रमाणन और प्राधिकार के लिए गेटवे के साथ संपर्क रखने वाले सभी पणधारकों को डिजिटल हस्‍ताक्षर और प्रमाणपत्र प्रदान करता है। लेन-देन और लेखापरीक्षा लॉग सरकारी डेटा का पता लगाने में सहायक हैं।
  • लेन-देनों का पता लगाने और केंद्रीय नियंत्रण के लिए लेन-देन लॉगिंग और टाइम स्‍टांपिंग को समर्थ बनाना।
  • विभागों के बैक एंड कार्यप्रवाह में सहायता करना, धीरे-धीरे कार्यप्रवाह बढ़ाना क्‍योंकि गेटवे बैक एंड और फ्रंट एंड विभागों के बीच डिलिंकिंग मिडिलवेयर के रूप में कार्य करता है। इसका आशय यह है कि यहां तक कि ऐसे विभाग जहां बैक एंड में पूर्ण स्‍वचालन तथा कार्य प्रवाह नहीं है, वे भी गेटवे के जरिए सीमित ढंग से नागरिकों को ई-सेवा प्रदान कर सकते हैं। उदाहरण के तौर पर विभाग में तैयार अवसंरचना के अभाव में गेटवे के साथ संदेशों के आदान-प्रदान के लिए विभाग में एक सर्वर लगाया जा सकता है।